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बर्खास्त शिक्षकों को 12 साल बाद मिला वेतन

जमुई। जिले के प्रखंड तथा पंचायत नियोजन इकाई द्वारा 2006 में बर्खास्त शिक्षकों को 12 साल बाद वेतन भुगतान किए जाने का खुलासा हुआ है।

By JagranEdited By: Published: Sun, 23 Sep 2018 06:37 PM (IST)Updated: Sun, 23 Sep 2018 06:37 PM (IST)
बर्खास्त शिक्षकों को 12 साल बाद मिला वेतन
बर्खास्त शिक्षकों को 12 साल बाद मिला वेतन

जमुई। जिले के प्रखंड तथा पंचायत नियोजन इकाई द्वारा 2006 में बर्खास्त शिक्षकों को 12 साल बाद वेतन भुगतान किए जाने का खुलासा हुआ है। जिलाधिकारी धर्मेंद्र कुमार द्वारा शिक्षा विभाग के प्रधान सचिव को लिखे पत्र में इस बात का खुलासा किया गया है कि शिक्षा विभाग के स्थापना डीपीओ रंजीत पासवान द्वारा 2006 में अपीलीय प्राधिकार द्वारा जिन शिक्षकों की सेवा समाप्त कर देने का निर्देश दिया गया था वैसे शिक्षकों को वेतन मद की राशि भुगतान कर दी गई है। जिसकी जांच के लिए जिलाधिकारी द्वारा शिक्षा विभाग के प्रधान सचिव को पत्र लिखा गया है। जिलाधिकारी द्वारा लिखे गए पत्र में यह स्पष्ट कहा गया है कि स्थापना डीपीओ रंजीत पासवान द्वारा वेतन, एरियर, संबर्धन, मातृत्व अवकाश, चिकित्सा अवकाश तथा अन्य अवकाश के बाद राशि भुगतान का विधिवत ब्योरा बैठक के दौरान नहीं प्रस्तुत किया गया। जिसके बाद उक्त मामले की जांच के लिए प्रधान सचिव को पत्र लिखा गया है। जिलाधिकारी ने शिक्षकों को वेतन भुगतान में सुनियोजित अनियमितता बरते जाने तथा उनके आदेश की अवहेलना करने की भी बात कही गई है। मालूम को कि स्थापना डीपीओ रंजीत पासवान द्वारा मनमाने तरीके से शिक्षकों को एरियर भुगतान व वेतन भुगतान की किया जा रहा था। जिसकी शिकायत जिलाधिकारी को मिलने के बाद जिलाधिकारी धर्मेंद्र कुमार ने शिक्षा विभाग की समीक्षा बैठक के दौरान रंजीत पासवान से पूरा ब्योरा विस्तार से संचिका सहित उपलब्ध कराने का निर्देश दिया था। परंतु दो महीने से अधिक समय बीत जाने के बाद भी आधा-अधूरा ब्योरा जिलाधिकारी के समक्ष प्रस्तुत किया गया। जिसके बाद जिलाधिकारी ने स्थापना डीपीओ रंजीत पासवान का वेतन रोकते हुए उक्त मामले की जांच शिक्षा विभाग के प्रधान सचिव को पत्र लिखकर जांच कराने की बात कही। इधर परिवर्तनकारी प्रारंभिक शिक्षक संघ के प्रदेश सचिव निरंजन मोदी ने जिलाधिकारी द्वारा कराए जा रहे जांच पर संतोष व्यक्त करते हुए कहा कि जांच निष्पक्ष होनी चाहिए ताकि भ्रष्टाचार में लिप्त पदाधिकारियों का पर्दाफाश हो सके और शिक्षकों का आर्थिक व मानसिक शोषण पर अंकुश लग सके। उन्होंने कहा कि जान बुझ कर स्थापना डीपीओ द्वारा शिक्षकों को प्रताड़ित किया जा रहा था। जिसके बाद उनके संगठन द्वारा ज्ञापन सौंप कर जिलाधिकारी से जांच की मांग की गई थी।

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कोट

शिक्षा विभाग स्थापना डीपीओ रंजीत पासवान का तत्काल वेतन रोक दिया गया है। साथ ही उक्त मामले की जांच के लिए प्रधान सचिव को पत्र संप्रेषित किया गया है।

धर्मेंद्र कुमार, जिलाधिकारी, जमुई


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