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ध्यान किधर है, तेरा कान्हा इधर है.. पर झूमे भक्त

जमुई। ध्यान किधर है, तेरा कान्हा इधर है.. की प्रस्तुति से भक्त झूम उठे और पूरा भागवत कथा आयोजन स्थल भगवान के जयकारे से गूंज उठा।

By JagranEdited By: Published: Sun, 22 Jul 2018 07:16 PM (IST)Updated: Sun, 22 Jul 2018 07:16 PM (IST)
ध्यान किधर है, तेरा कान्हा इधर है.. पर झूमे भक्त
ध्यान किधर है, तेरा कान्हा इधर है.. पर झूमे भक्त

जमुई। ध्यान किधर है, तेरा कान्हा इधर है.. की प्रस्तुति से भक्त झूम उठे और पूरा भागवत कथा आयोजन स्थल भगवान के जयकारे से गूंज उठा। नगर परिषद क्षेत्र अंतर्गत शाहपुर गांव में नौ दिवसीय भागवत कथा का छठे दिन शनिवार की रात भगवान श्रीकृष्ण एवं रुकमणी की विवाह लीला प्रस्तुत किया गया। साथ ही उद्धव को ज्ञान प्राप्ति एवं कंश वध भी दिखाया गया। श्रद्धालुओं ने इन ²श्यों का आनंद लेने के साथ ही प. बंगाल से रानीगंज से आए विद्वान कथावाचक पं. रामानंद जी महाराज ने भगवान श्रीकृष्ण के वैवाहिक जीवन एवं राधा-कृष्ण के प्रेम कथा को विस्तार से लोगों के बीच बताया। उन्होंने भागवत कथा के दौरान भगवान कृष्ण के ऐश्वर्य लीला के साथ ही अस्त्र-शस्त्र के ज्ञान की प्राप्ति तथा यगोपवित्र संस्कार का वर्णन किया। महाराज ने कहा कि 64 दिन में 64 कलाओं को प्राप्त कर श्रीकृष्ण भगवान कहलाए। संदीपनी ऋषि के सानिध्य में तब से आवंतिका पूरी वर्तमान में उज्जैन में जाकर उन्होंने कलाओं का ज्ञान प्राप्त किया। भागवत कथा को सफलतापूर्वक संचालित करने में नरेश साह, सिकन्दर साह, प्रकाश साह, मनोज साव, महेन्द्र साह, सुकदेव साह आदि शामिल थे।

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