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टेलवा बाजार दुर्गा मंदिर आस्था का केंद्र

जमुई। लगभग डेढ़ सौ साल से टेलवा बाजार दुर्गा मंदिर आस्था का केंद्र है।

By JagranEdited By: Published: Tue, 13 Apr 2021 06:20 PM (IST)Updated: Tue, 13 Apr 2021 06:20 PM (IST)
टेलवा बाजार दुर्गा मंदिर आस्था का केंद्र
टेलवा बाजार दुर्गा मंदिर आस्था का केंद्र

जमुई। लगभग डेढ़ सौ साल से टेलवा बाजार दुर्गा मंदिर आस्था का केंद्र है। जमुई जिला के अलावा बांका एवं झारखंड के श्रद्धालु चैती दुर्गा पूजा में पूजा-अर्चना के लिए बड़ी संख्या में पहुंचते हैं।

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मंदिर की विशेषता

जो भक्त माता के दरबार में आते हैं वह खाली हाथ नहीं लौटता। श्रद्धालु अपने प्रथम संतान उपरांत अपने बच्चे का मुंडन इस मंदिर में कराने का रिवाज चला आ रहा है। चैती दुर्गा पूजा में पूजा कमेटी द्वारा भव्य अखाड़ा निकाला जाता है। महाअष्टमी की देर रात्रि बकरे की बलि की प्रथा है। महानवी के दिन मेले का भी आयोजन होता है।

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मंदिर की स्थापना और इतिहास

मंदिर का निर्माण टेलवा के तत्कालीन राजा रंजीत नारायण सिंह की मृत्यु उपरांत उनकी पत्नी रानी तारा कुमारी द्वारा कराए जाने की बात स्थानीय लोगों द्वारा बतायी जाती है। अंग्रेज व राजघराने में हुए विवाद के बाद एक केस में विजय पाने पर महारानी तारा कुमारी को जो रकम दंडस्वरूप अंग्रेज ने दिया उसी रकम से मंदिर का निर्माण कराया गया है।

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मंदिर का नामकरण

टेलवा राजघराने ने मंदिर का नाम टेलवा दुर्गा मंदिर रखा। टेलवा बाजार के सुबोध कुमार, रंजीत कुमार वर्णवाल, शैलेंद्र बर्णवाल, पुरूषोत्तम गुप्ता, जीवन विश्वकर्मा, कृष्णा वर्णवाल, हरिश्चंद्र गुप्ता कहते हैं कि जमुई एवं बांका जिले के साथ बगल के राज्य झारखंड के लगभग 20 किलोमीटर क्षेत्र का सबसे पुराना मंदिर है। इस मंदिर में शारदीय दुर्गा के साथ-साथ चैती दुर्गा की पूजा अर्चना होती है। राजपरिवार द्वारा इस मंदिर की स्थापना होने के कारण इसके वंशज प्रताप नारायण सिंह, यदुनंदन सिंह, श्याम सिंह, नाजिर सिंह, राजकुमार सिंह, पंचम सिंह माता का पूजा-अर्चना एवं बलि प्रथा को निभाते है। वैदिक रीति-रिवाज से रामकृष्ण उपाध्याय चकाई एवं विश्वनाथ दुबे जीमतपुर के परिवार द्वारा विधि-विधानपूर्वक माता की पूजा की जाती है। पूजा का शुभ मुहूर्त सुबह 10:48 से लेकर शाम 06:00 बजे तक है।

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मंदिर आने का मार्ग

टेलवा बाजार के हटिया गली के अलावा मंदिर के पीछे से मां के दरबार तक पहुंचने का मार्ग है।

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अपील

सिमुलतला वैष्णवी रेलवे दुर्गा मंदिर के पुजारी सह सेवानिवृत्त शिक्षक टेलवा निवासी पुरुषोत्तम पांडेय कहते है कि पूरा विश्व कोरोना रूपी प्रलय के आगोश में है। चैती दुर्गा पूजा का आज दूसरा दिन है, जहां माता ब्रह्माचारिणी का पूजा होती है। कोरोना को ध्यान में रखते हुए सार्वजनिक पूजा स्थलों में विधि विधान पूजा, पुजारियों के द्वारा होने दीजिए। उन्होंने क्षेत्रवासियों से अपील किया कि माता की पूजा घर में कलश स्थापित कर करें। इस व्यवस्था में मईया की पूजा व आराधना आप आसानी से करते हैं।

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कोरोना को लेकर रहें सावधान

कोरोना संक्रमण के कारण सरकार के गाइडलाइन का पालन पूजा कमेटी द्वारा किया जा रहा है। पूजा की भव्यता को कम किया गया है। पूजा-पाठ के अलावा अन्य सभी आयोजन पुलिस प्रशासन के मार्गदर्शन में कार्य किया जाएगा।


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