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सरकार ने बसाया, साहब उजाड़ने में लगे

जमुई। दलितों को हक दिलाने और उनका वोट पाने की राजनीति में जहां उन्हें सरकार विभिन्न तरह की योजनाओं से लाभान्वित कर रही है वहीं झाझा के करहरा में रविदास जाति के बने बनाये सरकारी घर को तोड़ने का फरमान झाझा सीओ द्वारा जारी कर दिया गया।

By JagranEdited By: Published: Fri, 21 Sep 2018 07:21 PM (IST)Updated: Fri, 21 Sep 2018 07:21 PM (IST)
सरकार ने बसाया, साहब उजाड़ने में लगे
सरकार ने बसाया, साहब उजाड़ने में लगे

जमुई। दलितों को हक दिलाने और उनका वोट पाने की राजनीति में जहां उन्हें सरकार विभिन्न तरह की योजनाओं से लाभान्वित कर रही है वहीं झाझा के करहरा में रविदास जाति के बने बनाये सरकारी घर को तोड़ने का फरमान झाझा सीओ द्वारा जारी कर दिया गया। और तो और सीओ साहब के तुगलकी फरमान में 25 सितम्बर की जो तारीख तय की गई उसमें अब चन्द दिन ही शेष है। ये लोग अपने गोद के बच्चे, वृद्ध महिलाओं समेत जिलाधिकारी जमुई से मिलने करहरा झाझा से आई तो बुधवार के उनके व्यस्त कार्यक्रम के कारण देर शाम तक इंतजार के बाद उन्हें निराश वापस लौटना पड़ा। मुख्यमंत्री को लिखे अपने आवेदन में पीडित परिवारों ने कहा है कि वे लोग अपने पूर्वजों के जमाने से करहरा झाझा की खाता 98 खसरा 1564 की गैरमजरूआ जमीन पर घर बनाकर रह रहे हैं जहां अब सरकार की राशि से इंदिरा आवास भी बना दिया गया है। बलराम रविदास अपने खरीदे गये दो कट्ठा जमीन के पास की उक्त जमीन को कब्जा करने की नीयत से उनलोगों को बेघर करना चाहते है। उसी की साजिश से उनके घर को तोड़ने का आदेश सीओ झाझा ने दिया है। अपने आवेदन में दलितों ने अतिक्रमण हटाने के नाम पर घर तोड़कर बेघर करने पर सामूहिक आत्महत्या कर लेने की बात कही है। उधर सीओ झाझा ने 25 सितम्बर को अतिक्रमण हटाने के नाम पर इस गैरमजरूआ बांध पर से लोगों को बेघर करने के लिए 11 बजे दिन में कार्रवाई के लिए जारी पत्र में एक दण्डाधिकारी, दो पुलिस पदाधिकारी, 20 सशस्त्र पुलिस, 10 लाठी पुलिस, 10 महिला पुलिस की मांग की है। दरअसल जिन लोगों का घर तोड़े जाने का फरमान जारी किया गया है उनका रामचन्द्र दास के साथ सरपंच की उपस्थिति में पंचायत ने प्रयास किया गया। जिसे एक पक्ष ने नहीं माना उसके बाद बात सीओ तक पहुंच गई। झाझा के बांध ही नहीं अमूनन जमुई के हर छोटे बडे़ बांध और नहर पर गरीब दलित बेघर लोग वर्षों से घर बनाकर रह रहे हैं।

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