अप्रैल को छोड़िए, अक्टूबर में ही सूख रहा गरही जलाशय
जमुई। सूबे के बड़े जलाशयों में शुमार गरही सहित जिले के आधा दर्जन डैम का तेजी से घटते जलस्तर स्थिति भयावह होने के संकेत दे रहे हैं।
जमुई। सूबे के बड़े जलाशयों में शुमार गरही सहित जिले के आधा दर्जन डैम का तेजी से घटते जलस्तर स्थिति भयावह होने के संकेत दे रहे हैं। अप्रैल की बात छोड़ दीजिए अक्टूबर में ही इन जलाशयों का जलस्तर डेथ स्टोरेज लेबल से नीचे सरक रहा है। अमूमन छठ के मौके पर गहरे पानी में कोई हादसा ना हो, इसे लेकर प्रशासन के माथे पर ¨चता की लकीरें बनी रहती थी। लेकिन अल्प बारिश के कारण इस बार स्थिति विपरीत है। स्थिति भयावह होने की संभावना का अंदाजा जिला प्रशासन को भी है। लिहाजा जिला प्रशासन के आदेश पर पहले से ही गरही सहित अन्य जलाशयों से केनाल में पानी छोड़ने पर पाबंदी लगा दी गई है। नतीजतन संबंधित जलाशयों के कमांड एरिया में रबी फसल में पटवन तो दूर की बात खरीफ में ही जलाशयों से पटवन नहीं हो सका।
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इन जलाशयों की स्थिति ¨चताजनक:
जमुई की सबसे बड़ी नदी किउल के उदगम स्थल पर निर्मित गरही सहित नागी-नकटी, आंजन, कैलाश, अमृति, श्रीखंडी के अलावा लखीसराय के मोरवे जलाशय की स्थिति ¨चताजनक है। पिछले अप्रैल महीने में भी कैलाश डैम का जलस्तर डेथ स्टोरेज लेबल से 8 फीट उपर 321 फीट था। अनय छोटे-छोटे जलाशय तो पहले ही धान की फसल बचाने की कवायद में सूख चुके हैं। जिसका कुपरिणाम अभी से ही दिखने लगे हैं और अलीगंज, सिकंदरा, चकाई सहित अन्य प्रखंडों में चापाकलों से पानी निकलना बंद होने लगा है।
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आंकड़े एक नजर में (फीट में)
क्रम - जलाशय - डीएसएल - जलस्तर
अप्रैल 2017- अक्टूबर 18
1. गरही- 518- 517- 518
2. कैलाश- 313- 321- 313
3. आंजन- 357- 357- 357
4. नागी - 417- 415- 419
5. नकटी- 427- 427- 428
6. मोरवे- 245- 245- 245.30
7. श्रीखंडी-321.50- 321.50- 321.50
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कोट
पर्याप्त बारिश नहीं होने के कारण जलाशयों में जलस्तर डेथ स्टोरेज लेबल के आसपास पहुंच गया है।
विनोद कुमार सिन्हा, अधीक्षण अभियंता, जल संसाधन अंचल जमुई
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कोट
गरही सहित सभी जलाशयों में वर्षा का पानी संचित होता है। सूखे की स्थिति में जल संकट से निपटने को लेकर आवश्यक तैयारी की जा रही है। धर्मेंद्र कुमार, डीएम