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मुखबिर के आरोप में पहले भी आधा दर्जन से अधिक की हो चुकी है हत्या

जमुई। बिहार-झारखंड के सीमावर्ती क्षेत्र में पिछले पांच वर्ष में एसपीओ और पुलिस मुखबिरी का आरोप लगाकर नक्सलियों ने आधा दर्जन से अधिक लोगों की हत्या की है। लंबी चुप्पी के बाद एकबार फिर नक्सलियों ने टोलापहाड़ इलाके में एसपीओ और पुलिस मुखबिर का आरोप लगा पिता-पुत्र की गोली मारकर हत्या कर दहशत फैला दी है।

By JagranEdited By: Published: Thu, 26 Aug 2021 05:58 PM (IST)Updated: Thu, 26 Aug 2021 05:58 PM (IST)
मुखबिर के आरोप में पहले भी आधा दर्जन से अधिक की हो चुकी है हत्या
मुखबिर के आरोप में पहले भी आधा दर्जन से अधिक की हो चुकी है हत्या

जमुई। बिहार-झारखंड के सीमावर्ती क्षेत्र में पिछले पांच वर्ष में एसपीओ और पुलिस मुखबिरी का आरोप लगाकर नक्सलियों ने आधा दर्जन से अधिक लोगों की हत्या की है। लंबी चुप्पी के बाद एकबार फिर नक्सलियों ने टोलापहाड़ इलाके में एसपीओ और पुलिस मुखबिर का आरोप लगा पिता-पुत्र की गोली मारकर हत्या कर दहशत फैला दी है।

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इससे पूर्व 21 मई 2016 को चकाई थाना के बोगी पंचायती स्थित गादी गांव में नक्सलियों ने पुलिस मुखबिर एवं एसपीओ का आरोप लगाकर ग्रामीण टीपन मंडल, पूर्व चौकीदार योगेंद्र तुरी एवं पूर्व एसपीओ मुकेश राय की गला रेतकर हत्या कर दी थी। उसके बाद भेलवाघाटी थाना से चंद कदम दूरी पर स्थित भेलवाघाटी पंचायत के मुखिया प्रतिनिधि सुभाष वर्णवाल एवं उनके सहयोगी श्यामसुंदर पंडित को भी घर पर ही गोली मारकर हत्या कर दी थी। नक्सलियों का तांडव यहीं भी नहीं रुका था। उसके एक साल बाद नक्सलियों ने दिनदहाड़े चकाई थाना के सिमराढाब गांव में पंचायती के दौरान महेंद्र राय की गोली मारकर हत्या कर दी थी। वर्ष 2019 में नक्सलियों ने चकाई थाना के गुरुरबाद में पुलिस मुखबिर का आरोप लगाकर ग्राम कचहरी सचिव उस्मान अंसारी एवं एक अन्य ग्रामीण गोलका अंसारी की गोली मारकर हत्या कर दी थी। नक्सलियों का एसपीओ और पुलिस मुखबिर के प्रति नाराजगी कोई नई बात नहीं है। यह लंबे समय से चला रहा है और पुलिस मुखबिर और एसपीओ के साथ ही मुख्य धारा के समर्थक नक्सलियों के निशाने पर रहे हैं।

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गोलियों की तड़तड़ाहट से थराया टोलापहाड़ और बाराजोर का इलाका

फोटो 26 जमुई- 12

-नक्सलियों के भय से पीड़ित परिवार की मदद करने बाहर नहीं निकले लोग

-हर घर में दस्तक दे लगाई पति को बचाने की गुहार, लेकिन नहीं खुला एक भी दरवाजा

संवाद सूत्र, चंद्रमंडी (जमुई): टोला पहाड़ और बाराजोर गांव के लोग जब खाना खाकर बुधवार की रात गहरी नींद में थे। इसी दौरान गोलियों की तड़तड़ाहट से पूरा इलाका थर्रा उठा। ग्रामीणों की मानें तो घटना को अंजाम देने के लिए करीब साढ़े दस से ग्यारह बजे हथियार बंद नक्सलियों का दस्ता गांव पहुंचा था।

मृत अर्जुन हेंब्रम की पत्नी सोनिया किस्कू ने बताया कि नक्सलियों ने पहले घर के मुख्य दरवाजे से उसके ससुर चोपाय हेंब्रम उर्फ चतुर को घर से बाहर निकाला। चतुर को घर से बाहर निकालने के बाद घर के दूसरे कमरे में सो रहे उसके पति अर्जुन हेंब्रम को खींचकर घर से ले गया। इस दौरान जब पत्नी ने नक्सलियों से वजह पूछी तो उसकी पिटाई कर दी। पिटाई के बाद सोनिया घटनास्थल से भागकर गांव में मदद मांगने लगी। हर घर का दरवाजा खटखटाकर पति को बचाने की गुहार लगाई, लेकिन नक्सलियों के भय गांव वाले घर से बाहर नहीं निकले। इससे मायूस वह जब घर वापस लौटी तो देखा की दोनों की हत्या कर दी गई है।


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