सेविका का पद हड़पने आज उतरेगी 'बलिग बहू'
जमुई। सोनो प्रखंड के दहियारी पंचायत के अंबाटील्हा गांव में शुक्रवार को आंगनबाड़ी सेविका
जमुई। सोनो प्रखंड के दहियारी पंचायत के अंबाटील्हा गांव में शुक्रवार को आंगनबाड़ी सेविका पद पर चयन के लिए आमसभा होनी है। खास यह कि इस पद को हड़पने के लिए चयन के मैदान में बतौर उम्मीदवार एक नाबालिग बेटे की बालिग बहू उतर रही है। इस 'बालिग बहू' का नाम संजना है। उसके परिवार ने इस पद पर उसकी उम्मीदवारी के लिए बकायदा आवेदन दिला रखा है। दूसरी ओर सेविका बनने की चाहत में दिन-रात एक कर चुकी दूसरी उम्मीदवार ललिता देवी और उसका परिवार नाबालिग बेटे से हुई शादी पर सवाल खड़े कर 'बालिग बहू' की उम्मीदवारी खारिज करने की मांग प्रशासन से कर रहा है।
कहने को आंगनबाड़ी सेविका सामाजिक कार्यकर्ता का पद है। पर अंबाटील्हा का यह मामला आंगनबाड़ी सेविका पद की 'लाभ-चमक' और गांव के लोगों के भी 'चालू-पुर्जा' होने का जोरदार उदाहरण है। यह दर्शा रहा है कि इस पद के लिए लोग कैसे कैसे तिकड़म भिड़ा रहे हैं।
दरअसल अंबाटील्हा की आंगनबाड़ी सेविका पल्लवी हाल में ही चयन मुक्त हुई थी। उसका वास्तविक नाम साक्षी है। वह बालिग बहू संजना के नाबालिग पति के चचेरे भाई गुड्डू पासवान की पत्नी है। कहानी यहीं से शुरू होती है। पल्लवी या यूं कहें साक्षी के चयन मुक्त होने के बाद यहां आंगनबाड़ी सेविका का पद खाली था। तीन माह पहले इस पद पर बहाली की सुगबुगाहट शुरू हुई। गुड्डू पासवान के परिवार में और कोई इस पद के योग्य था नहीं तो उसके पिता व परिजन आदि ने आनन-फानन में चाचा शंकर पासवान के पुत्र हीरा पासवान की शादी लखीसराय जिला अंतर्गत धनौरी निवासी शैलेंद्र पासवान की पुत्री कुमारी संजना से तय कर दी। अमूमन हिंदू धर्म में सावन में शादी होती नहीं, पर सावन में ही (9 अगस्त) को उसकी शादी लखीसराय के अशोकधाम मंदिर में करा दी। शादी कोई चोरी-छिपे नहीं कही जाए इसके लिए बकायदा शंकर पासवान ने आमंत्रण पत्र छपवाया था और गांव के लोगों को बरात भी ले गया था। इधर आमंत्रण पत्र देख दूसरी उम्मीदवार ललिता देवी के परिजन के कान खड़े हो गए। ललिता के परिजन ने ही लंबी लड़ाई लड़कर शंकर के भाई की पतोहू साक्षी यानी पल्लवी का फर्जीबाड़ा उजागर किया और सेविका का पद खाली कराया। यह शादी ललिता के सेविका बनने की राह में रोड़ा दिखने लगी। तत्काल ललिता के परिजनों ने हीरा के मैट्रिक परीक्षा से संबंधित कागजात निकाले। पंजीयन रसीद में उसकी जन्मतिथि 11 नवंबर 2004 दर्ज है। इस लिहाज से उसकी उम्र 15 वर्ष से भी कम है। ललिता के परिवार ने उसकी शादी के दिन शिकायत जिला कल्याण पदाधिकारी सहित पुलिस-प्रशासन के अन्य पदाधिकारियों से की कि बाल विवाह कराया जा रहा है। जिला कल्याण पदाधिकारी ने सोनो थाना को कार्रवाई के लिए पत्र भी प्रेषित किया। लेकिन पुलिस जब तक मंदिर पहुंची तब तक शादी हो चुकी थी और सभी निकल चुके थे। इसके बाद मामला रफा-दफा हो गया। बताया गया कि तब शंकर पासवान और उनके भाइयों ने ललिता देवी और उनके परिजनों को आश्वस्त किया उनकी नई बहू यानी संजना सेविका पद पर उम्मीदवारी नहीं देगी। तब ललिता और परिजन मान गए। उन्होंने मामले को तूल देना बंद कर दिया और पुलिस-प्रशासन ने भी मामला रफा दफा कर दिया। लेकिन सेविका पद पर बहाली निकलने के बाद हुआ वही जिसकी आशंका ललिता के परिजनों को थी। नई बहू संजना ने बालिग बहू के तौर उम्मीदवारी का आवेदन कर दिया। लिहाजा सेविका पद के लिए दूसरी आवेदिका ललिता देवी ने एक बार फिर से बाल विवाह की आरोपित संजना के खिलाफ जिलाधिकारी सहित अन्य से शिकायत की है। आइसीडीएस की डीपीओ कविता कुमारी ने मामले की जांच कर उचित कार्रवाई करने की बात कही है। पर प्रशासन के सामने संकट यह होगा कि संजना बालिग है और बाकी मामले अदालती होंगे।