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महान परम्परा और शौर्य के लिए प्राण न्यौछावर करते हैं सीआरपीएफ: कमांडेंट

जमुई। सीआरपीएफ के 80 वें स्थापना दिवस पर मलयपुर पुलिस लाइन स्थित 215 बटालियन कैम्प में समारोह

By JagranEdited By: Published: Tue, 19 Mar 2019 08:40 PM (IST)Updated: Tue, 19 Mar 2019 08:40 PM (IST)
महान परम्परा और शौर्य के लिए प्राण न्यौछावर करते हैं सीआरपीएफ: कमांडेंट
महान परम्परा और शौर्य के लिए प्राण न्यौछावर करते हैं सीआरपीएफ: कमांडेंट

जमुई। सीआरपीएफ के 80 वें स्थापना दिवस पर मलयपुर पुलिस लाइन स्थित 215 बटालियन कैम्प में समारोह का आयोजन किया गया। इस अवसर पर कमांडेंट मुकेश कुमार ने सीआरपीएफ के अधिकारियों एवं जवानों को स्थापना दिवस की बधाई देते हुए सीआरपीएफ के इतिहास, पराक्रम और शौर्य से जवानों को अवगत कराया तथा कहा कि केन्द्रीय रिजर्व पुलिस बल के जवान महान परम्परा एवं शौर्य के लिए प्राणों की आहूति देने से भी कदम पीछे नहीं हटाते। उन्होंने सीआरपीएफ के स्थापना काल की चर्चा करते हुए कहा कि 29 जुलाई 1939 को तत्कालीन गृहमंत्री सरदार बल्लभ भाई पटेल द्वारा मूलत: काउन रिप्रेजेंटेटिव पुलिस के रुप में किया गया था। स्वतंत्रता प्राप्ति के बाद 28 दिसम्बर 1949 को इसका नामकरण केन्द्रीय रिजर्व पुलिस बल के रुप में किया गया। इसके उपरांत 19 मार्च 1950 को केन्द्रीय रिजर्व पुलिस बल को अपना निशान चिन्ह प्रदान किया गया तथा इसी दिन को स्थापना दिवस के तौर पर मनाने का फैसला लिया गया। इस दौरान कमांडेंट ने 1959 में लद्दाख क्षेत्र से चीनी हमले को विफल करने, 1965 व 71 में भारत पाकिस्तान युद्ध के दौरान बल के शौर्य की प्राकाष्ठा तथा 1965 में ही कक्ष में अदम्य साहस व बलिदान की मिसाल से जवानों को अवगत कराया। इस दौरान टूवाईसी कन्हैया सिंह, मुख्य चिकित्सा अधिकारी प्रवीण कुमार सुमन, उप कमांडेंट सुब्रत नायक ने भी सीआरपीएफ 215 के सदस्यों को स्थापना दिवस की बधाई और शुभकामनाएं दी।

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