गोपाल की हुई छुट्टी, सुबोध को मिला खनिज विकास पदाधिकारी का प्रभार
जमुई। खनिज विकास के प्रभारी पदाधिकारी गोपाल प्रसाद साह की विभाग ने छुट्टी कर दी है। उनकी
जमुई। खनिज विकास के प्रभारी पदाधिकारी गोपाल प्रसाद साह की विभाग ने छुट्टी कर दी है। उनकी जगह श्रम अधीक्षक सुबोध कुमार को खनिज विकास पदाधिकारी जमुई का प्रभार दिया गया है। खान एवं भूतत्व विभाग के निर्देश पर जिलाधिकारी ने उक्त आदेश निर्गत करते हुए कहा है कि निवर्तमान खनिज विकास पदाधिकारी गोपाल प्रसाद साह अविलंब पदभार श्रम अधीक्षक सुबोध कुमार को सौंपे।
उल्लेखनीय है कि जमुई में खनिज विकास पदाधिकारी के पद पर प्रभारी पदाधिकारी के रूप में शेखपुरा के खनिज विकास पदाधिकारी गोपाल प्रसाद साह कार्यरत थे। विभाग ने उन्हें जमुई से प्रभार मुक्त करते हुए जिलाधिकारी को आदेश पत्र भेज कर खनिज विकास पदाधिकारी का प्रभार किसी वरीय उपसमाहर्ता को देने का निर्देश दिया था। वरीय उपसमाहर्ता की कमी का हवाला देते हुए जिलाधिकारी ने विभाग से मार्गदर्शन मांगा था। विभाग से सहमति के उपरांत श्रम अधीक्षक को प्रभार देने का निर्णय लिया गया। इधर सेना की नौकरी से सिविल में आए कड़क छवि के श्रम अधीक्षक सुबोध कुमार को खनिज विकास पदाधिकारी का प्रभार मिलने के उपरांत जमुई में बालू और गिट्टी के अवैध कारोबार से जुड़े लोगों की नींद उड़ गई है।
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किया पदभार ग्रहण
श्रम अधीक्षक सुबोध कुमार ने मंगलवार की दोपहर खनन कार्यालय में खनिज विकास पदाधिकारी का प्रभार ग्रहण किया इस दौरान विभाग में कार्यरत कर्मियों अधिकारियों से शिष्टाचार मुलाकात की। पदभार ग्रहण करने के दौरान जिला सूचना एवं जनसंपर्क पदाधिकारी संजय कुमार वर्मा, सर्वेयर ओमप्रकाश सहित अन्य अधिकारी व कर्मी मौजूद थे।
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लापरवाही बर्दाश्त नहीं
प्रभारी खनिज विकास पदाधिकारी सुबोध कुमार ने स्पष्ट शब्दों में कहा कि कार्य लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी। हर हाल में 10:00 से 5:00 कर्मियों को कार्यालय में मौजूद रहना है।
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सेना के सेवानिवृत्त अधिकारी हैं सुबोध
सुबोध कुमार सेना के सेवानिवृत्त अधिकारी हैं। सिविल सेवा में आने से पहले हुए 1993 से 2011 तक एयरफोर्स में कार्यरत रहे हैं। सुबोध को गया सेंट्रल जेल के जेलर तथा एजी ऑफिस में अधिकारी के रूप में कार्य करने का अनुभव है। खनन कार्यालय में गड़बड़झाला जिला खनिज विकास पदाधिकारी का प्रभार ग्रहण करने के उपरांत निरीक्षण के दौरान पत्र निर्गत पंजी सहित अन्य पंजियों में गड़बड़झाला की बू आ रही है। यहां बगैर विवरणी के पत्र निर्गत करने के तीन दर्जन से ज्यादा प्रमाण मिले हैं।