पंचायत भवनों के उपस्करों की कबाड़खाने में हो रही तलाश
जमुई। पंचायत भवन को आधुनिक रूप में देने की नियत से जिलाधिकारी धर्मेंद्र कुमार ने प्रत्येक पंचा
जमुई। पंचायत भवन को आधुनिक रूप में देने की नियत से जिलाधिकारी धर्मेंद्र कुमार ने प्रत्येक पंचायत में खरीदे गए उपस्कर की खोज प्रारंभ कर दी गई है। इसी के तहत डीएम ने पंचायत सेवक को 15 दिन की मोहलत दी है। इधर जिलाधिकारी के निर्देश ने कई मुखिया को परेशान कर दिया। मुखिया कबाड़ी दुकानों की चक्कर लगा रहे हैं। पंचायत भवन के अभाव में अब तक मुखिया के घर की शोभा बढ़ा रहे उपस्कर को जल्द से जल्द जमा करने की कोशिश हो रही है।
दरअसल जिलाधिकारी के ग्राम पंचायत भ्रमण के दौरान पंचायत भवन में उपस्कर नहीं मिले थे। बताया जाता है कि उपस्कर की खरीदारी विशेषकर वर्ष 2015-16 में पूर्व मुखिया एवं पंचायत सेवक द्वारा की गई थी। जिलाधिकारी के तेवर को देख कई पूर्व मुखिया कबाड़ीखाना से कुर्सी व टेबल की खरीदारी में जुटे हैं तो कई अपना ठिकरा पंचायत सेवक पर फोड़ की जुगत में लगे हैं। जानकारी के अनुसार पंचायत भवन के उपस्कर के लिए सरकार ने चतुर्थ राज्य वित्त योजना से प्रत्येक पंचायत को लगभग पांच लाख रुपये उपलब्ध कराया था। उक्त राशि को पूर्व मुखिया एवं पंचायत सेवक द्वारा बिना किसी ब्रांड का सामान खरीदे गए जिसे कई मुखिया अपने घर की शोभा बना लिया है। पंचायत सेवक के तबादला होने के बाद वर्तमान पंचायत सेवक ने उपस्कर से संबंधित जानकारी मांगी तो पंचायत सेवक पूर्व मुखिया के पास रहने की बात कहकर अपना पल्ला झाड़ गए। उपस्कर में मुख्य रूप से टेबल, कुर्सी, मेज, कम्प्यूटर सेट सहित अन्य सामान शामिल हैं। अब जिलाधिकारी के सख्ता रवैया व दोषी व्यक्ति पर प्राथमिकी दर्ज करने के निर्देश के कारण कई मुखियों की नींद उड़ी है और कबाड़ीखाने की चक्कर लगा रहे हैं। बताया जाता है कि जिलाधिकारी ने कहा है कि उपस्कर की जानकारी पंचायत सेवक से मांगी गई तो कई ने चार्ज नहीं मिलने की बात कही। इसलिए उन्हें 15 दिन के अंदर चार्ज लेकर पंचायत भवन में उपस्कर उपलब्ध कराने व सभी उपस्कर का स्टॉक रजिस्टर बनाकर जिला को सूचित करने को कहा गया है। किसी मुखिया द्वारा उपस्कर नहीं देने की परिस्थिति में प्राथमिकी दर्ज करने का निर्देश दिया गया है। ऐसा नहीं करने पर संबंधित पंचायत के पंचायत सेवक के विरुद्ध कार्रवाई करते हुए उसके वेतन से पैसे की वसूली करने की बात कही गई है। ज्ञात हो कि प्रखंड में 20 पंचायत स्थित है जिसमें अधिकांश पंचायत को अपना पंचायत भवन नसीब नहीं है।