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शक्ति परीक्षण में औंधे मुंह गिरा विपक्ष

जमुई। जमुई नगर सरकार को लेकर सोमवार को शक्ति परीक्षण में विपक्ष को मुंह की खानी पड़ी। वहीं अध्यक्ष की कुर्सी सलामत रह गई।

By JagranEdited By: Published: Mon, 21 Oct 2019 07:43 PM (IST)Updated: Tue, 22 Oct 2019 06:24 AM (IST)
शक्ति परीक्षण में औंधे मुंह गिरा विपक्ष
शक्ति परीक्षण में औंधे मुंह गिरा विपक्ष

जमुई। जमुई नगर सरकार को लेकर सोमवार को शक्ति परीक्षण में विपक्ष को मुंह की खानी पड़ी। वहीं, अध्यक्ष की कुर्सी सलामत रह गई। मतगणना के बाद अविश्वास प्रस्ताव के विरुद्ध 17 तथा समर्थन में 13 मत मिलने की घोषणा प्रेक्षक अपर समाहर्ता कुमार संजय प्रसाद ने की।

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अविश्वास प्रस्ताव पर बहस एवं मतदान को लेकर नगर परिषद के सभागार में आयोजित विशेष बैठक में प्रेक्षक कुमार संजय प्रसाद के अलावा संचालन पदाधिकारी के तौर पर अनुमंडल लोक शिकायत निवारण पदाधिकारी सीमा कुमारी की मौजूदगी में बहस और मतदान प्रक्रिया संपन्न कराया गया।

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निवर्तमान उपाध्यक्ष के नेतृत्व में लाया गया था अविश्वास प्रस्ताव:

नगर परिषद के निवर्तमान उपाध्यक्ष राकेश कुमार के नेतृत्व में अविश्वास प्रस्ताव लाया गया था। अविश्वास प्रस्ताव पर 30 में से 17 सदस्यों ने हस्ताक्षर किया था। सोमवार को मतदान की बारी आई तो बाजी पलट गई और विपक्ष की जगह नप अध्यक्ष के पक्ष में 17 सदस्यों ने मतदान किया जबकि विपक्ष के साथ महज 13 सदस्य शेष रह गए।

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एक सप्ताह से जारी शह मात के खेल पर लगा विराम :

बीते एक सप्ताह से जारी शह मात के खेल पर सोमवार की शाम परिणाम सामने आने के साथ ही विराम लग गया। अध्यक्ष की कुर्सी से रेखा कुमारी को पदच्युत करने तथा बनाए रखने को लेकर पक्ष और विपक्ष के बीच बाजी अपने पक्ष में करने के लिए हर हथकंडा अपनाए जाने की बात हवा में है। कहा जाता है कि पक्ष और विपक्ष की ओर से नोटों का भी खूब खेल हुआ। बहरहाल शह मात, लामबंदी और नोटों के खेल की चर्चाओं के बीच बाजी नप अध्यक्ष रेखा देवी ने मार ली और नगर सरकार की चाभी अपने हाथों से खिसकने नहीं दिया।

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विशेष बैठक को लेकर बनी थी गहमागहमी :

विशेष बैठक को लेकर नगर परिषद कार्यालय के समक्ष बैठक के लिए निर्धारित समय 2:00 बजे से पहले से ही गहमागहमी शुरू हो गई थी। हालांकि 2:00 बजने में चंद मिनट शेष थे तभी दोनों खेमा नगर परिषद भवन में दाखिल हो चुके थे।

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दलीय सीमाएं टूटी :

अविश्वास प्रस्ताव पर मतदान में दलीय सीमाएं टूट गई। राजद और एनडीए के बीच सीजी लकीर मिट गई थी। अध्यक्ष के पक्ष में कई राजद पार्षद खड़े दिखे तो विपक्ष में एनडीए समर्थक पार्षद भी मुस्तैदी से लगे थे। यहां यह बताना लाजिमी है कि नगर सरकार गठन के वक्त राजद और एनडीए के बीच खूब रस्साकशी हुई थी और अंतत: भाजपा नेता पूर्व विधायक अजय प्रताप तथा जदयू नेता पूर्व विधायक सुमित कुमार सिंह अपने खेमा से अध्यक्ष बनाने में कामयाब रहे थे। हालांकि इस बार पर्दे पर दोनों पक्ष की ओर से कोई भी महारथी सामने नहीं दिखे।

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सच्चाई की हुई जीत रेखा :

अविश्वास प्रस्ताव गिरने के बाद नगर परिषद अध्यक्ष रेखा देवी ने कहा कि सच्चाई की जीत हुई है। पहली बार जब वह अध्यक्ष चुनी गई थी तब 16-14 से फैसला हुआ था। दो वर्षों तक बेहतर तरीके से काम करने का ही नतीजा है कि इस बार 17-13 से नगर परिषद अध्यक्ष की कुर्सी पर विराजमान रहने में कामयाब हुई हैं। शहर के विकास को लेकर उनका प्रयास जारी रहेगा।


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