पुल के अभाव में लंबी दूरी तय करते हैं फतेहपुर के ग्रामीण
जमुई। खैरा प्रखंड क्षेत्र के फतेहपुर के गांव के लोग मुख्य सड़क पर आने के लिए सात किमी की लंबी दूरी तय करते हैं।
जमुई। खैरा प्रखंड क्षेत्र के फतेहपुर के गांव के लोग मुख्य सड़क पर आने के लिए सात किमी की लंबी दूरी तय करते हैं। कारण बड़ीबाग-फतेहपुर के बीच किउल नदी पर पुल नहीं है। यहां के लोग बरसात के मौसम में गिद्धेश्वर जंगल होकर बड़ीबाग पहुंचते हैं। गिद्धेश्वर जंगल का इलाका सुरक्षा के ²ष्टिकोण से सेफ नहीं है। इस जंगल में कई दफा पुलिस व नक्सलियों के बीच मुठभेड़ हो चुकी है। ऐसे में खासकर शाम ढलने के बाद लोग इस मार्ग से गुजरना मुनासिब नहीं समझते हैं। बताया जाता है कि किउल नदी में पुल बनाने की मांग वर्षों से होते आ रही है लेकिन किसी सांसद या विधायक ने इस पर अबतक ध्यान नहीं दिया। मजबूरन लोग जान हथेली पर रख कर जंगल वाले मार्ग का सहारा लेने को वि?वश हैं। स्थानीय लोगों के अनुसार उक्त नदी पर पुल बन जाने से फतेहपुर के अलावा झिकटी, भलनी सहित आधा दर्जन गांवों के लोगों को सुविधा होगी। पूर्व उप प्रमुख प्रभु यादव ने बताया कि बरसात के मौसम में खासकर बीमार लोगों को अस्पताल ले जाने में काफी परेशानी होती है। गांव से बड़ीबाग पहुंचने के लिए पहले सात किमी की दूरी तय करनी पड़ती है। फिर वहां से खैरा अस्पताल जाना होता है। भलनी के पप्पु भगत ने बताया कि पुल नहीं रहने के कारण हम लोगों को गिद्धेश्वर जंगल होकर गुजरना पड़ता है। रात होने पर असुरक्षा का भय भी सताता है। फतेहपुर के ही रंजीत कुमार सिंह का कहना है कि पुल की मांग काफी पुरानी है। कई बार लिखित तौर पर जिला प्रशासन व जनप्रतिनिधियों को इस समस्या से अवगत कराया जा चुका है लेकिन कोई फायदा नहीं हुआ। इसी गांव के रणवीर कुमार कहते हैं कि नेताओं के झूठे आश्वासन के सहारे आज तक हमलोग आस लगाए बैठे हैं कि आखिर कब मांग पूरी होगी।