जिले में फिर से लौटेगी गन्ने की मिठास
जमुई। बिहार एवं झारखंड के 69 कृषि विज्ञान केन्द्रों की वार्षिक कार्ययोजना पर मुहर लगने के साथ ही केवीके जमुई से यहां के किसानों की उम्मीद साकार होती दिखने लगी है।
जमुई। बिहार एवं झारखंड के 69 कृषि विज्ञान केन्द्रों की वार्षिक कार्ययोजना पर मुहर लगने के साथ ही केवीके जमुई से यहां के किसानों की उम्मीद साकार होती दिखने लगी है। कभी गन्ने के लिए प्रख्यात जिले में एक बार फिर से गन्ने की मिठास वापस लाने की कवायद कृषि विज्ञान केन्द्र के सानिध्य में शुरू होगी। वार्षिक कार्ययोजना में प्याज और उर्वरक के अलावा धान और गेहूं की फसल से खर-पतवार की मुक्ति को लेकर शोध की जिम्मेदारी भी जमुई कृषि विज्ञान केन्द्र को दी गई है। इसके अलावा जिले के गारो नवादा में बांस की खेती को बढ़ावा देने तथा कम पानी में धान की अच्छी उपज देने वाली प्रजाति का रमसा, स्वर्ण श्रेया एवं सहभागी को बढ़ावा दिया जाएगा। साथ ही फूल की खेती का प्रदर्शन केवीके के माध्यम से किया जाना है। इन सब चीजों के साथ ही किसानों की आर्थिक स्थिति सु²ढ़ करने के लिए मुर्गी, बकरी और मधुमक्खी पालन पर भी विशेष योजनाएं चलाए जाने की स्वीकृति दी गई है। बिहार एवं झारखंड के 69 कृषि विज्ञान केन्द्रों की वार्षिक कार्ययोजना संबंधित भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद की पटना ईकाई में आयोजित बैठक में जमुई केवीके की योजनाओं पर मुहर लगी है। जमुई केवीके की ओर से वरिष्ठ वैज्ञानिक एवं प्रमुख डॉ. सुधीर कुमार सिंह की प्रस्तुति को अटारी निदेशक डॉ. अंजनी कुमार, अंतरराष्ट्रीय वैज्ञानिक डॉ. आरके मलिक एवं बिहार कृषि विश्वविद्यालय के निदेशक डॉ. के सुहाने ने किसानों की बेहतरी के लिए और भी कई सुझाव दिए और वार्षिक कार्ययोजना पर मुहर लगाई। पटना में आयोजित वार्षिक कार्ययोजना पारित करने की बैठक की अध्यक्षता बिहार पशु विज्ञान विश्वविद्यालय के डॉ. रामेश्वर सिंह ने की।