सेवा में पेयजल संकट गहराया, महिलाओं ने किया विरोध-प्रदर्शन
जमुई। एक ओर जैसे-जैसे तापमान अपना प्रचंड रूप ले रहा है वैसे ही प्रखंड में पेयजल संकट भी गहराता जा रहा है।
जमुई। एक ओर जैसे-जैसे तापमान अपना प्रचंड रूप ले रहा है, वैसे ही प्रखंड में पेयजल संकट भी गहराता जा रहा है। इस भीषण गर्मी में पेयजल से जुड़ी अपनी निजी जरूरतों को पूरा करने के लिए पेयजल की तलाश में आम ग्रामीणों को इधर-उधर भटकना पड़ रहा है। जिसका ताजा उदाहरण सेवा पंचायत अंतर्गत वार्ड नंबर चार में पानी की किल्लत को लेकर हो रहीं आमजनों की परेशानी को देखकर साफ लगाया जा सकता है। बताते चलें कि वार्ड नंबर चार में विभाग द्वारा लगाए गए चापाकल बेकार हो गए हैं। एक आध चापानल से बूंद-बूंद पानी टपकता है। अपनी-अपनी जरूरतों के हिसाब से पेयजल आपूर्ति को लेकर वार्ड की ग्रामीण महिलाएं सुबह से ही कतारबद्ध अपनी बारी के इंतजार में घटों पानी की आपूर्ति को लेकर खड़ी रहती हैं। यहां हर दिन पेजयल संकट के कारण यहां यही हाल रहता है।
--
कहते हैं वार्ड चार के ग्रामीण:
गीता देवी, हेमा देवी, बिमली देवी, कपिलदेव साव, गुलाब रजक, अशोक रजक, सुरेश यादव, राजकुमार रजक, दयानंद कुमार, मुकेश रजक, विकास साव आदि ग्रामीण बताते हैं कि हजारों की आबादी वाले इस वार्ड में अपने गले की प्यास बुझाने के लिए पीएचईडी विभाग द्वारा एकमात्र चापाकल दो वर्ष पूर्व में लगाया गया है। इसके ही सहारे इतनी बड़ी आबादी में हम ग्रामीणों की प्यास बुझती है। उक्त उक्त चापाकल ने भी अब पानी देना तकरीबन बंद कर दिया है। इस वार्ड में मुख्यमंत्री हर घर नल योजना के तहत पानी उपलब्ध कराया गया है जिसकी सुधि लेने वाला कोई नहीं। आखिर एक चापाकल से हम ग्रामीणों की प्यास कैसे बुझेगी। ग्रामीणों ने कहा है कि अगर हमारे वार्ड में इस ओर कोई कारगर पहल नहीं किया गया तो मुख्यालय में धरना-प्रदर्शन व आंदोलन को बाध्य हो जाएंगे।
--
कहती हैं वार्ड सदस्य
वार्ड सदस्या गीता देवी ने बताया कि ग्रामीणों द्वारा मुझसे कई बार पेयजल व्यवस्था को दुरुस्त करवाने की गुहार लगाई गई है। कई बार पीएचईडी विभाग के पदाधिकारी को लिखित सूचना दी गई पर आज तक हमारे वार्ड में पेयजल समस्या को दूर नहीं किया जा सका है।