संसाधन व कर्मियों का अभाव झेल रहा अग्निशमन विभाग
जमुई। गर्मी आते ही जिले के विभिन्न हिस्सों में हर वर्ष घर से लेकर खेत-खलिहानों में आगलगी की घटनाएं ह
जमुई। गर्मी आते ही जिले के विभिन्न हिस्सों में हर वर्ष घर से लेकर खेत-खलिहानों में आगलगी की घटनाएं होती है। वैसे तो आमतौर पर सालों भर आगलगी की घटनाएं होती है, लेकिन इस मौसम में इसमें अप्रत्याशित वृद्धि होती है। जमुई में घटना होने पर तुरंत पीड़ितों तक मदद नहीं पहुंच पाती है। जिले की आबादी लगभग 18 लाख के आसपास है। आबादी व क्षेत्रफल के अनुपात में यहां साधन और संसाधन की घोर कमी है।
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11 दमकल के सहारे बुझती है आग :
आगलगी से निपटने को लेकर जिले में अग्निशमन विभाग को 11 छोटे-बड़े दमकल उपलब्ध है, जिसमें दो बड़ा, एक चार सौ सात मीडियम तथा आठ मिस-टेक्नोलॉजी वाहन है। गांव की संकीर्ण गलियों में आग पर काबू पाने में मिस-टेक्नोलॉजी वाहन का इस्तेमाल किया जाता है।
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देर से पहुंचती है दमकल गाड़ियां:
ज्यादातर शिकायतें मिलती है कि आगलगी की सूचना देने पर दमकल वाहन समय से नहीं पहुंच पाता है। जब तक पहुंचता है तब तक ग्रामीण या तो अपनी व्यवस्था से आग से जूझते हैं या सब कुछ जल कर राख हो जाता है। दूरी की समस्या से निपटने के लिए विभाग द्वारा जिला मुख्यालय के अलावा सिकन्दरा, चकाई, चन्द्रमंडीह, लक्ष्मीपुर, झाझा तथा सिमुलतला थाना में एक-एक मिस-टेक्नोलॉजी वाहन उपलब्ध कराया गया है। लेकिन अभी भी कई थाना इस सुविधा से वंचित है।
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इस वर्ष 37 घटनाएं हो चुकी हैं प्रतिवेदित :
जिले के विभिन्न क्षेत्रों में इस वर्ष आगलगी की लगभग 37 घटनाएं प्रतिवेदित हो चुकी है। सहायक अग्निशमन पदाधिकारी ने बताया कि जिले के खैरा, चकाई, सिकन्दरा तथा लक्ष्मीपुर के इलाके में अब तक आगलगी की 37 घटनाएं हुई हैं।
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विभाग में कार्यरत कर्मी
- जिला अग्निशमन पदाधिकारी- 1
- सहायक अग्निशमन पदाधिकारी- 1
- पर्यटन चालक- 8
- गृहरक्षक चालक- 1
- फायरमैन-4
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कोट
आगलगी की सूचना मिलने पर विभाग द्वारा समय पर दमकल की सुविधा उपलब्ध कराया जाता है। कुछ संसाधन की कमी है। जिसके बारे में विभाग को लिखा गया है। साथ ही बताया कि पिछले सात माह से वेतन नहीं मिलने के कारण कर्मियों की परेशानी बढ़ी हुई है।
- भागवत चौधरी, जिला अग्निशमन पदाधिकारी, जमुई