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बहा बोंगा पर्व आदिवासियों की सभ्यता संस्कृति का पर्व

जमुई। प्रखंड के बामदह में आदिवासी समुदाय की और से रविवार को उत्साहपूर्वक बाहा बोंगा पर्व मनाया गया।

By JagranEdited By: Published: Sun, 24 Mar 2019 07:53 PM (IST)Updated: Sun, 24 Mar 2019 07:53 PM (IST)
बहा बोंगा पर्व आदिवासियों की सभ्यता संस्कृति का पर्व
बहा बोंगा पर्व आदिवासियों की सभ्यता संस्कृति का पर्व

जमुई। प्रखंड के बामदह में आदिवासी समुदाय की और से रविवार को उत्साहपूर्वक बाहा बोंगा पर्व मनाया गया। इस दौरान सुबह से ही बूढ़ा-बूढ़ी थान में पूजा अर्चना हुई। आदिवासियों द्वारा विधिवत पूजा अर्चना की गई। बूढ़ा-बूढ़ी थान में महुआ व साल फूल से बाहा बोंगा की पूजा अर्चना की गई। इसके उपरांत लोगों के बीच महुआ व साल फूल का वितरण किया गया। जिसे समाज के लोगों ने कान पर लगाया। जिसके बाद पारंपरिक नृत्य संगीत का भी आयोजन किया गया। इस पूजा में मारांग बुरू, जाहेर आयो, मोरेको, लिटटागोसाई एवं प्राकृतिक देवी देवताओं की पूजा अर्चना गांव के सुख समृद्धि व अच्छे फसल की कामना को लेकर की गई है। इस दौरान समाजिक कार्यकर्ता पृथ्वीराज हेम्ब्रम भी पहुंचे और माथा टेका और प्रसाद ग्रहण कर ढ़ोल बजाकर जमकर थिरके। उन्होंने दीप प्रज्वलित कर पर्व का शुभारंभ किया। देखते ही देखते सभी आदिवासी समुदाय के लोग मादर व धमसा के ताल पर थिरकते नजर आए। मौके पर पृथ्वीराज ने कहा की बहा बोंगा पर्व आदिवासियों की सभ्यता संस्कृति का पर्व है। यह फूलों और अपने संस्कृति को याद रखने का पर्व है। मौके पर मुखिया राजू कोल, पूर्व मुखिया भोला बास्की, मुंशी मरांडी, डॉ. अरुण टुडु, जीवन मुर्मू, राजेंद्र टुड्डू, सुखन सोरेन आदि मौजूद थे।

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