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सड़क व पानी की समस्या से जूझ रहा विशनपुर गांव

जमुई। आजादी के बाद से ही विशनपुर गांव में पक्की सड़क नहीं बन पाई है। एकाध चालू चापाकल से निकलने वाले पानी निकासी की सुविधा तो दूर बरसात के दिनों में ग्रामीणों का मुख्य रोड तक पहुंचने तक का रास्ता बंद हो जाता है।

By JagranEdited By: Published: Thu, 14 Mar 2019 07:54 PM (IST)Updated: Thu, 14 Mar 2019 07:54 PM (IST)
सड़क व पानी की समस्या से जूझ रहा विशनपुर गांव
सड़क व पानी की समस्या से जूझ रहा विशनपुर गांव

जमुई। आजादी के बाद से ही विशनपुर गांव में पक्की सड़क नहीं बन पाई है। एकाध चालू चापाकल से निकलने वाले पानी निकासी की सुविधा तो दूर बरसात के दिनों में ग्रामीणों का मुख्य रोड तक पहुंचने तक का रास्ता बंद हो जाता है। ग्रामीण गांव में रहते हुए भी बदहाली का जीवन व्यतीत कर रहे हैं। परंतु अभी तक गांव में शासन व प्रशासन द्वारा मूलभूत सुविधाएं उपलब्ध नहीं कराई गई। सुविधाएं नहीं मिलने के कारण ग्रामीणों में प्रशासनिक अधिकारियों के खिलाफ आक्रोश बना है। इस संबंध में लोग जनसुनवाई से लेकर सीएम हेल्पलाइन तक अपनी शिकायत कर चुके हैं।

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दलदल से निकलने को मजबूर हैं ग्रामीण:

ग्रामीणों ने गांव की दुर्दशा सुधारने के साथ ही पक्की सड़कें और नालों का निर्माण कर पानी की व्यवस्था कराने की मांग की है। दरअसल, विशनपुर गांव के लोग आज भी बुनियादी समस्याओं से जूझ रहे हैं। गांव जाने के लिए न ही पक्की रोड बनाई गई है और न ही पीने के पानी की उत्तम सुविधा है। ग्रामीण प्रशासन की सेवाओं से वंचित रहकर दलदल से निकलने को मजबूर हैं। बदहाली में जीवन व्यतीत कर रहे विशनपुर के ग्रामीण कई बार शासन व प्रशासन के अधिकारियों के पास समस्या को लेकर पहुंचे हैं। विकास के नाम पर गांव नक्शे में कोसों दूर है। ग्रामीणों का कहना है कि चुनाव के वक्त राजनीतिक लोग वादा करके चले जाते हैं। गांव के मुखिया ने भी चुनाव होने से पहले लोगों को भरोसा दिलाया था कि हम गांव में विकास की रोशनी लाएंगे। मुखिया ने कई योजनाओं का झांसा देकर कई योजनाओं को कागजों में सिमटकर छोड़ दिया। गांव के मनोज यादव, उमा यादव, भुनेश्वर यादव, शंकर यादव, दामोदर यादव, प्रकाश यादव, शिव कुमार, लेखा यादव, ब्रह्मादेव यादव का कहना है कि एम्बुलेंस भी घर तक नहीं पहुंच पाती हैं। बरसात के दिनों में गर्भवती महिलाओं को मुख्य मार्ग पर ही उतारकर डोली से घर लाया जाता है। छात्र निवास कुमार का कहना है कि स्कूल कीचड़ हो कर स्कूल पहुंच पाते हैं।


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