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Jamui News : जिले को मिला पहला बायोडीजल पंप, मंत्री सुमित कुमार सिंह ने किया उद्घाटन

Jamui News- बिहार के जमुई जिले में पहला बायोडीजल पंप स्थापित किया गया है। इसका उद्घाटन बिहार सरकार में विज्ञान एवं प्रावैधिकी मंत्री सुमित कुमार सिंह ने किया। उद्घाटन के दौरान मंत्री ने कहा कि ये पंप पर्यावरण के दृष्टिकोण से बेहद लाभकारी होगा।

By Arvind KumarEdited By: Shivam BajpaiPublished: Mon, 28 Nov 2022 05:11 PM (IST)Updated: Mon, 28 Nov 2022 05:11 PM (IST)
Jamui News : जिले को मिला पहला बायोडीजल पंप, मंत्री सुमित कुमार सिंह ने किया उद्घाटन
बायोडीजल पंप का उद्घाटन करते मंत्री सुमित कुमार सिंह।

संवाद सूत्र, खैरा (जमुई): प्रखंड क्षेत्र के घनबेरिया गांव में मंगलवार को जिले का पहला बायोडीजल पंप का शुभारंभ हुआ। बिहार सरकार के विज्ञान एवं प्रावैधिकी मंत्री सुमित कुमार सिंह ने फीता काटकर बायोडीजल पंप का उद्घाटन किया। मौके पर मंत्री ने कहा कि इस तरह के पंप के खुलने से पर्यावरण के दृष्टिकोण से काफी लाभदायक होगा। उन्होंने कहा कि गाड़ियों में जलने वाला ईंधन पर्यावरण को काफी नुकसान पहुंचाता है, लेकिन बायोडीजल प्लांट इन सबसे अलग है और इसके इस्तेमाल से पर्यावरण संतुलित रहेगा।

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इसके साथ ही मंत्री ने कहा कि पंप के सुदूर ग्रामीण इलाके में खुलने से आने-जाने वाले लोगों को भी काफी सहूलियत होगी तथा रोजगार के दृष्टिकोण से भी यह एक बेहतर विकल्प साबित हो सकता है। इस दौरान पंप के प्रोपराइटर मुकेश सिंह ने बताया कि इससे मिलने वाले ईंधन की कीमत सामान्य इंधन के मुकाबले कम होगी तथा इसका माइलेज भी इससे अधिक होगाा। इस अवसर पर प्रोपराइटर विशाल सिंह, आरडी सिंह, वीरेंद्र सिंह, संजय सिंह, जयनंदन सिंह, प्राणधन सिंह, शत्रुघ्न झा, शिवनंदन सिंह, दुर्गा दत्त आचार्य, हरेंद्र सिंह, छोटेलाल सिंह सहित अन्य लोग उपस्थित थे।

जमुई की जन समस्या पर एक नजर 

  • - सड़क किनारे बसे स्कूल,  बेलगाम भागते बालू लोडेड वाहन, धूलकण के बीच छात्र ले रहे सांस

संवाद सहयोगी, जमुई: नगर परिषद के बिहारी गांव स्थित उत्क्रमित मध्य विद्यालय बिहारी के छात्रों के लिए ट्रैक्टरों की बेलगाम रफ्तार खतरनाक साबित हो सकती है। बालू उठाव और अनलोडिंग कर पुन: उठाव की गड़बड़ी के चक्कर में बच्चों को नुकसान पहुंच सकता है। लिहाजा, प्रशासन, शिक्षा विभाग के साथ स्कूल प्रबंधन और अभिभावकों के लिए सावधान होने वाली बात है।

दरअसल इस स्कूल के चाहरदीवारी और मुख्य गेट से सटकर ही पीसीसी सड़क गुजरी है। बिहारी बालू घाट से बालू लोड कर ट्रैक्टर इसी रास्ते से शहर में प्रवेश करते हैं। इन ट्रैक्टरों की रफ्तार बहुत ही तेज रहती है। बताते हैं कि इस रफ्तार के पीछे की वजह चालान की हेराफेरी या अवैध बालू ढुलाई है। बिना त्रिपाल ढके, धुआं उड़ाते ये ट्रैक्टर दिन-रात अपनी रफ्तार में रहते हैं। यह रफ्तार विद्यालय के छोटे-छोटे बच्चों के लिए खतरा उत्पन्न कर सकता है।


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