बिना गुरुजी के शिक्षा ले रहे मैट्रिक के विद्यार्थी
जमुई। छात्र जीवन में अहम पड़ाव मैट्रिक के छात्रों के भविष्य के साथ जिले में खिलवाड़ हो रहा है।
जमुई। छात्र जीवन में अहम पड़ाव मैट्रिक के छात्रों के भविष्य के साथ जिले में खिलवाड़ हो रहा है। महाभारत के एकलव्य की तरह उत्क्रमित उच्च विद्यालय के छात्र-छात्रा बिना शिक्षक के पढ़ाई करने व मैट्रिक परीक्षा में शामिल होने को मजबूर हैं। ऐसे में शिक्षा का अधिकार यहां महज कागजी घोड़ा तो गुणवतापूर्ण शिक्षा औपचारिकता बनकर रह गया है। दरअसल हर पंचायत में हाईस्कूल खोलने के मुख्यमंत्री के निश्चय को अमलीजामा पहनाने की नीयत से जिले के 153 पंचायतों में से 135 पंचायतों के मध्य विद्यालय को उत्क्रमित कर उच्च विद्यालय में परिणत कर दिया गया। आश्चर्य इस बात का कि इनमें 78 विद्यालयों के छात्र-छात्रा मैट्रिक की परीक्षा में शामिल भी हो चुके है। परंतु प्रारंभ काल से अब मानक के अनुरूप शिक्षकों की व्यवस्था नहीं की गई। उत्क्रमण के पहले चरण में 78 विद्यालय, दूसरे चरण में 33 व तीसरे चरण में 24 विद्यालयों के साथ कुल 135 विद्यालयों को उच्च विद्यालय में अपग्रेड किया जा चुका है।
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एक स्कूल में पांच विषयों के शिक्षक का प्रावधान :
प्रत्येक उत्क्रमित उच्च विद्यालयों में पांच विषयों यथा साइंस, गणित, हिन्दी, संस्कृत और सामाजिक विज्ञान के एक-एक शिक्षक की नियुक्ति का प्रावधान है।
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मात्र 162 शिक्षक है पदस्थापित :
उत्क्रमित उच्च विद्यालयों में अध्यापन के लिए जिले में महज 162 शिक्षक की पदस्थापित हैं। नतीजतन किसी विद्यालय में एक, दो तो कोई बिना शिक्षक का ही चल रहा है। आकंड़ो के सापेक्ष में गणना करें तो स्थिति का आकलन खुद-ब-खुद हो जाएगा।
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14 हजार छात्र-छात्रा हैं नामांकित :
इस वर्ष विभिन्न उत्क्रमित उच्च विद्यालयों कुल 14 हजार एक सौ 18 विद्यार्थी नामांकित हैं। जिसमें नवम वर्ग में 7252 एवं दशम वर्ग में 6866 है।
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कोट
शिक्षकों के कमी के कारण उत्क्रमित उच्च विद्यालयों में मानक के अनुरूप शिक्षक उपलब्ध नहीं हो पा रहे हैं।
विजय कुमार हिमांशु, डीईओ
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नामांकित वर्गवार छात्र-छात्रा की संख्या
वर्ग छात्र छात्रा
9 - 3785 - 3467
10- 3381 - 3485