कोरोना काल में महिला पुलिस कर्मियों का रहा अहम योगदान
जमुई। कोरोना महामारी से उबरने और लॉकडाउन का पालन कराने में महिला पुलिसकर्मियों का योगदान काफी सराहनीय रहा है।
जमुई। कोरोना महामारी से उबरने और लॉकडाउन का पालन कराने में महिला पुलिसकर्मियों का योगदान काफी सराहनीय रहा है। कोरोना काल में कार्यालय से लेकर सड़क पर डयूटी करने वाली देश की हजारों नारी शक्तियों का कार्य अतुलनीय है।
इन्हीं में से एक महिला शक्ती मुंगेर की बेटी ज्ञान भारती का कोरोना वारियर्स के रूप में किए गए कार्य को भी हम भूल नहीं सकते। पुलिस इंस्पेक्टर ज्ञान भारती वर्ष 2019 से ही सदर महिला थानाध्यक्ष की कमान संभाली हुई हैं। घर परिवार से दूर रहकर जमुई में अपनी सेवा देने वाली ज्ञान भारती ने बताया कि पुलिस में बहाल होने के बाद नियमित रूप से आमतौर पर सभी पुलिसकर्मी ड्यूटी करते ही हैं, लेकिन पिछले साल कोरोना काल के समय ऑफिस से लेकर सड़क पर ड्यूटी करना काफी चुनौती भरा कार्य रहा। उन्होंने बताया कि थानाध्यक्ष होने के नाते हमारी जिम्मेदारी बढ़ गई थी। एक तरफ महिलाओं से संबंधित घरेलू विवाद का निपटारा और दूसरी ओर चौक - चौराहों पर खडे़ रहकर लोगों को लॉकडाउन का पालन कराना काफी चुनौतीपूर्ण कार्य था। उस समय न तो इसकी दवा थी और न ही टीका। बचाव का सबसे सुरक्षित उपाय घर पर रहना था। लोग इधर-उधर जाना तो दूर अपनी जान बचाने की खातिर घर से नहीं निकलते थे। सड़क पर लगातार प्रवासियों का आना जाना लगा रहता था। मन में भय तो लगा रहता, लेकिन एहतियात बरतते हुए कर्तव्यों का पालन करती रही। उन्होंने बताया की लॉकडाउन में घर नहीं जा सकी, जब भी टीवी, मोबाइल पर कोरोना के बढ़ते मरीजों की संख्या देखती तो बच्चे सहित परिवार के लिए चितित जरूर होती। मास्क, सैनिटाइजर का प्रयोग, साबुन से बार-बार हाथ धोना, गर्म पानी का सेवन करना की आदत सी पड़ गई थी। जिसे आज तक भुला नहीं सकी। ज्ञान भारती कहती हैं कि आपदा की उस घड़ी में लॉकडाउन का पालन कराना, शांति व्यवस्था बहाल रखने में हमारे जैसी जिलेभर की महिला पुलिसकर्मी ने कोरोना वारियर्स के रूप में कार्य किया।