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भारतीय रेल : बिहार का एक ऐसा रेलवे स्‍टेशन... जहां से मुफ्त में यात्रा करते लोग, Amazing

भारतीय रेल बिहार में एक ऐसा रेल स्टेशन है जहां से मुफ्त में यात्रा करते लोग। स्टेशन पर टिकट काउंटर नहीं। यात्रियों को उठानी पड़ती है परेशानी। रेलवे को लग रहा राजस्व का चूना। पूर्व रेलवे कोलकाता के आसनसोल मंडल अंतर्गत घोरपारण है।

By Jagran NewsEdited By: Dilip Kumar shuklaPublished: Tue, 18 Oct 2022 12:44 PM (IST)Updated: Tue, 18 Oct 2022 12:44 PM (IST)
भारतीय रेल : बिहार का एक ऐसा रेलवे स्‍टेशन... जहां से मुफ्त में यात्रा करते लोग, Amazing
भारतीय रेल : पूर्व रेलवे कोलकाता के आसनसोल मंडल अंतर्गत घोरपारण स्‍टेशन।

संदीप कुमार सिंह,जमुई। भारतीय रेल : सुनने या पढ़ने में अटपटा जरूर लगेगा, लेकिन एक ऐसा भी रेलवे स्टेशन है, जहां से यात्रा करने पर टिकट नहीं लगता है। यहां से मुफ्त में यात्रा होती है। हालांकि, ऐसा भी नहीं है कि रेलवे ने यह तोहफा दिया है, बल्कि सच यह है कि मंडल वरीय वाणिज्य प्रबंधक की उदासीनता से यात्रियों को परेशानी हो रही है और रेलवे को राजस्व का चूना भी लग रहा है।

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यह रेलवे स्टेशन पूर्व रेलवे कोलकाता के आसनसोल मंडल अंतर्गत घोरपारण है। बिहार के जमुई जिले में पड़ता है। इस स्टेशन की स्थापना कब हुई इसकी कोई स्पष्ट जानकारी किसी के पास नहीं है, लेकिन यहां स्टेशन की सारी सुविधा उपलब्ध है। सिर्फ टिकट काउंटर नहीं है। इसका खामियाजा यात्रियों को भुगतना पड़ता है। कई बार यात्रियों को दूसरे स्टेशनों पर फाइन भी भरना पड़ा है।

इस स्टेशन पर विधिवत एक ट्रेन 03769 अप जसीडीह-झाझा मेमू और 03770 झाझा - जसीडीह मेमू पैसेंजर ट्रेन का ठहराव भी है। स्टेशन पर ट्रेन समय सारणी में अप में सुबह 10:31 बजे जबकि डाउन में सुबह 11:43 बजे ट्रेन का समय दर्शाया है। इतना ही नहीं ट्रेन समय सारणी से संबंधित भारतीय रेलवे का एप नेशनल ट्रेन इनक्वायरी सिस्टम (एनटीईएस) में ठहराव दिखाया जाता है। इसके अलावा भी कई लोकल और एक्सप्रेस ट्रेनों का अघोषित ठहराव इस स्टेशन पर है। झाझा-जसीडीह रेलखंड पर स्थित इस स्टेशन पर यात्री सुविधाएं भी उपलब्ध है। मसलन स्टेशन का नाम के साथ बोर्ड, स्टेशन कार्यालय, स्टेशन मास्टर, पोटर, सिग्नल मेंटेनर कर्मी, होम, स्टार्ट सिग्नल, पैनल रूम, यात्री शेड, कुर्सी, बेंच आदि।

भरना पड़ता है जुर्माना

ग्रामीण अशोक यादव ने बताया कि बिना टिकट यात्रा के कारण कई दफा जुर्माना भरना पड़ा है। ऐसा वाकया मेरे अलावा गांव के कई लोगों के साथ हुआ हैं। कई बार जान जोखिम में डालकर आगे के स्टेशन में ट्रेन छोड़कर दौड़कर टिकट काउंटर से टिकट लेते है और पुनः ट्रेन पकड़ते है। वृद्धों और महिलाओं को तो ट्रेन छोड़कर दूसरी ट्रेन से यात्रा पुन: प्रारंभ करनी पड़ती है।

टिकट काउंटर खोलने का नहीं हुआ प्रयास

ग्रामीणों ने बताया कि कई बार टिकट काउंटर खोलने की मांग की गई, लेकिन रेल विभाग ने इसे लेकर कभी प्रयास नहीं किया। हर बार सिर्फ बातें सुनी गई। स्थानीय रेल कर्मी बताते हैं कि लोकल या मालगाड़ी को साइड कर एक्सप्रेस या अन्य ज्यादा महत्वपूर्ण गाड़ियों को आगे बढ़ाने के उद्देश्य से स्टेशन स्थापित किया गया है।

घोरपारण स्टेशन में एक ट्रेन का ठहराव है। विधिवत कई रेल कर्मी कार्यरत है। टिकट काउंटर नहीं रहने के कारण यात्री बिना टिकट इस रेलवे स्टेशन से यात्रा करते हैं। - राम कुमार, आन ड्यूटी स्टेशन मास्टर घोरपारण।

घोरपारण रेलवे स्टेशन यात्रियों के लिए नहीं है। एक ट्रेन जो रुकती है, वो स्टाफ के आने जाने के लिए हैं। शेड, बैंच, टेबल आदि स्टाफ के लिए हैं। - परमानंद शर्मा, डीआरएम आसनसोल।


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