कुपोषण से लड़ने वाली खुद हो रही कुपोषित
जमुई। 15 सूत्री मांगों के समर्थन में आंगनबाड़ी कर्मियों के दो संघ ने गुरुवार को मुख्यालय में दो स्थानों पर धरना दिया।
जमुई। 15 सूत्री मांगों के समर्थन में आंगनबाड़ी कर्मियों के दो संघ ने गुरुवार को मुख्यालय में दो स्थानों पर धरना दिया। जिलाध्यक्ष अनिता अंशु के नेतृत्व में बिहार राज्य आंगनबाड़ी कर्मचारी यूनियन ने समाहरणालय व जिलाध्यक्ष विद्या कुमारी के नेतृत्व में बिहार आंगनबाड़ी कर्मचारी संघ ने अभय ¨सह स्मृति भवन पर धरना दिया। धरना के दौरान आंगनबाड़ी सेविका, सहायिका ने सरकार विरोधी नारे लगाते हुए अपने मांगों के समर्थन में आवाज बुलंद किया। मौके पर जिला सचिव विनीता राय ने कहा कि सरकार सभी वर्गों के समेकित विकास के लिए विभिन्न योजना चला रही है मगर आंगनबाड़ी कर्मियों के प्रति लापरवाह बने है। महासचिव स्नेहलता ने कहा कि पोषण, स्वास्थ्य, अनौपचारिक शिक्षा सहित अन्य कार्य आंगनबाड़ी कर्मी ग्राउंड लेबल पर करती है बावजूद इन्हें उचित मानदेय नहीं मिलता है। जब तक मांगें पूरी नहीं होती है संघर्ष जारी रहेगा। बबिता कुमारी ने कहा कि कुपोषण से लड़ाई के कारगर आंगनबाड़ी कर्मी खुद कुपोषित हैं। अर्चना कुमारी ने कहा कि मानदेय कम मिलता है उपर से कार्यालय द्वारा भी आर्थिक व मानसिक दोहन कर प्रताड़ित किया जाता है। बाद में दोनों संघ के शिष्टमंडल ने मांगों के समर्थन में जिलाधिकारी को ज्ञापन सौंपा। मुख्य मांगों में आंगनबाड़ी सेविका व सहायिका को सरकारी कर्मचारी का दर्जा देने, दर्जा नहीं मिलने तक सेविका को 18 हजार व सहायिका को 12 हजार मानदेय देने, 16 मई 2017 को हुए समझौता को लागू करने, सेवानिवृत्ति के बाद 5 हजार मासिक पेंशन या एकमुश्त पांच लाख की राशि देने सहित 15 मांग शामिल है। धरना को उपाध्यक्ष कुमारी मीना, रेशमा कुमारी, अर्चना कुमारी, संध्या कुमारी, रीना कुमारी ने भी संबोधित किया। इस अवसर पर बड़ी संख्या में आंगनबाड़ी सेविका व सहायिका मौजूद थी।