अब निजी भवन में नहीं चलेंगे राजस्व कचहरी
जमुई। राजस्व कर्मचारी अब निजी भवनों में दरबार नहीं लगा सकेंगे। यह सरकार के आदेश पर संभव हुआ है।
जमुई। राजस्व कर्मचारी अब निजी भवनों में दरबार नहीं लगा सकेंगे। यह सरकार के आदेश पर संभव हुआ है। इस बाबत जिला पदाधिकारी ने सभी अंचल अधिकारियों को अग्रेतर कार्रवाई का पत्र प्रेषित कर दिया है।
अंचल स्तर पर इसे पंचायत सरकार भवन या फिर अंचल कार्यालयों में शिफ्ट कराने की कवायद तेज हो गई है। यहां बताना लाजिमी है कि अब तक राजस्व की तमाम फाइलें कर्मचारियों के सिरहाने होती थी और वहां उनका दरबार लगता था। अब पंचायत सरकार भवन या फिर अंचल कार्यालय में भूमि से संबंधित कार्यों का निपटारा हो सकेगा।
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जिलाधिकारी ने जारी किया आदेश
जिला पदाधिकारी अवनीश कुमार सिंह ने सभी अंचल अधिकारियों को आदेश निर्गत करते हुए कहा है कि जमाबंदी पंजी एवं अन्य महत्वपूर्ण राजस्व अभिलेखों को पंचायत सरकार भवन, राजस्व कचहरी भवन, पंचायत स्तर पर सरकारी भवन उपलब्ध नहीं होने की स्थिति में अंचल कार्यालय में रखना सुनिश्चित करें। साथ ही उन्होंने सख्त हिदायत दी है कि किसी भी स्थिति में निजी भवन में अभिलेखों को ना रखा जाए। उन्होंने कहा कि जमाबंदी पंजी एवं अन्य राजस्व संबंधी महत्वपूर्ण अभिलेखों का संधारण सरकारी भवन में ही कराना है। इसके अलावा अंचल कार्यालय से जमाबंदी पंजी एवं अन्य अभिलेखों को विशेष परिस्थिति में बाहर ले जाने की आवश्यकता पड़ने पर अंचल अधिकारी से अनुमति प्राप्त कर ही उसे निर्धारित पंजी में संधारित कर ही बाहर ले जाना सुनिश्चित किया जा सकेगा तथा पुन: उसे कार्यालय में सुरक्षित जमा कराना भी संबंधित कर्मी की जिम्मेदारी होगी। जिला पदाधिकारी ने हल्कावार अनुपालन प्रतिवेदन अब तक प्राप्त नहीं होने पर भी नाराजगी व्यक्त की है और कहा है कि अनुपालन प्रतिवेदन अब तक अप्राप्त है।
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राजस्व कर्मचारियों के दरबार में लगता है दलालों का जमघट
राजस्व कर्मचारियों के दरबार में दलालों की जमघट लगती है। आलम यह है कि कर्मचारियों की मनमानी के आगे अधिकारी भी नजरअंदाज करने को विवश हो जाते हैं। इसकी वजह कर्मचारियों की कमी बताई जाती है। जिले में 153 पंचायत के विरुद्ध महज 37 राजस्व कर्मचारी कार्यरत हैं। लिहाजा एक-एक कर्मचारियों के पास चार से पांच हल्का की जिम्मेदारी होती है। ऐसे में व्यावहारिक पहलू कर्मचारियों की भी लाचारी है। बगैर सहयोगी रखे काम निपटाना संभव नहीं है।