आदिवासी दिवस पर पौधे की रक्षा का संकल्प
जमुई। जल जंगल और जीवन एक दूसरे के पूरक हैं। इसके बिना जीवन की परिकल्पना नहीं की जा सकती है। सृष्टि का आधार है।
जमुई। जल, जंगल और जीवन एक दूसरे के पूरक हैं। इसके बिना जीवन की परिकल्पना नहीं की जा सकती है। सृष्टि का आधार है। विश्व आदिवासी व पृथ्वी दिवस पर फलदार पौधे के वितरण के दौरान लाहांति क्लब के सदस्यों का भाव कुछ यही दर्शा रहा था। लाहांति क्लब के सदस्य मोतीलाल ने बताया कि बामदह पंचायत के राणादमगा, कारहारिया, लोहसिघाना गांव के ग्रामीणों के बीच एक हजार फलदार पौधे का वितरण किया गया। इस अवसर पर पौधे की रक्षा करने का संकल्प भी लिया गया। उन्होंने कहा कि जंगल और पहाड़ आदिवासी समुदाय के लिए पूज्यनीय है। पेड़-पौधे की रक्षा करना हम बचपन में ही सीख जाते हैं। फिर भी जागरुकता और संकल्प लेना आवश्यक है। पेड़ से ही आक्सीजन मिलेगा, पर्यावरण स्वच्छ होगा और बारिश होगी तब खेती भी अच्छी होगी और समृद्धि के द्वार भी खुलेंगे।