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सावन की पहली सोमवारी पर जलाभिषेक के लिए उमड़े श्रद्धालु

जमुई। सावन की पहली सोमवारी को शहर के विभिन्न शिव मंदिरों में श्रद्धालु भक्तों की भीड़ उमड़ पड़ी। सुबह से ही किउल नदी के हनुमान घाट खैरमा घाट पत्नेश्वर घाट पर श्रद्धालु भक्तों की भीड़ लगी रही।

By JagranEdited By: Published: Mon, 26 Jul 2021 06:48 PM (IST)Updated: Mon, 26 Jul 2021 06:48 PM (IST)
सावन की पहली सोमवारी पर जलाभिषेक के लिए उमड़े श्रद्धालु
सावन की पहली सोमवारी पर जलाभिषेक के लिए उमड़े श्रद्धालु

जमुई। सावन की पहली सोमवारी को शहर के विभिन्न शिव मंदिरों में श्रद्धालु भक्तों की भीड़ उमड़ पड़ी। सुबह से ही किउल नदी के हनुमान घाट, खैरमा घाट, पत्नेश्वर घाट पर श्रद्धालु भक्तों की भीड़ लगी रही। किउल नदी में स्नान कर श्रद्धालु भक्तों ने व्रत रखकर भगवान भोलेनाथ का जलाभिषेक किया और बेलपत्र चढ़ाया। पहली सोमवारी को लेकर नगर क्षेत्र के पंच मंदिर, दुखहरणनाथ शिव मंदिर, गणपति नाथ शिव मंदिर, महिसौड़ी बाबू टोला शिव मंदिर, कचहरी चौक स्थित बजरंगबली मंदिर, व्यवहार न्यायालय परिसर स्थित शिव मंदिर सहित नगर के विभिन्न शिवालयों में भक्तों की भीड़ लगी रही। प्रथम सोमवारी को ले शिवालयों की साफ-सफाई तथा मंदिरों में साज-सज्जा भी की गई। मंदिर पहुंचे श्रद्धालुओं के अनुसार सुबह चार बजे से भक्तों के आने का सिलसिला शुरू हो गया था जो शाम तक जारी रहा।

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सिमुलतला : सोमवारी को हर-हर महादेव के जयघोष से सिमुलतला क्षेत्र के शिवालय एवं देवालय गुंजायमान हुआ। महिला-पुरुष शिवभक्त सुबह से ही नजदीक के शिवालयों में पूजा-अर्चना के लिए पहुंचे थे। मुख्य आकर्षण का केंद्र सिमुलतला बाजार स्थित शिवालय में था। इसके अलावा लट्टू पहाड़, खुरंडा के त्रिशूली मंदिर, टेलवा बाजार के मध्य विद्यालय और बडूआ नदी तट स्थित शिवालय के साथ क्षेत्र के नागवे, असहना, ढोढरी, सियांटांड, तरौन एवं लहाबन क्षेत्र के दर्जनों शिवालय में श्रद्धालुओं की भीड़ देखी गई।

गिद्धौर : प्रखंड मुख्यालय गिद्धौर में श्रावण मास की पहली सोमवारी पर शिवालयों में इक्का-दुक्का ही शिव भक्त देवाधिदेव महादेव की पूजा-अर्चना को आए। इस श्रावण मास की पहली सोमवारी पर क्षेत्र के गिद्धौर स्थित अति प्राचीन बाबा बूढ़ानाथ मंदिर, पंचमंदिर, बाबा विकटनाथ, त्रिपुर सुंदरी, रतनपुर शिवालय, गंगरा शिवालय, धोबघट शिवमंदिर, केवाल शिव मंदिर, मौरा शिवालय, सेवा शिवालय आदि क्षेत्र के तमाम मंदिरों में कोरोना संकट छाया रहा। पिछले दो वर्ष पूर्व जहां हजारों महिला-पुरुष, शिव भक्तों को बाबा भोलेनाथ के जलाभिषेक को लेकर भारी भीड़ देखी जाती थी। पिछले साल से चल रहे कोरोना काल के कारण कम ही शिव भक्त नजर आए। ज्यादातर लोग घरों में ही श्रावण मास पर क्षेत्र के श्रद्धालु भक्तों ने त्रिलोकीनाथ भगवान शिव की आराधना कर स्वजनों एवं क्षेत्र के लोगों के मंगलमयी जीवन की कामना की।

खैरा : सावन की पहली सोमवार के अवसर पर ऐतिहासिक गिद्धेश्वरनाथ मंदिर में पूजा-अर्चना के लिए श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ पड़ी। खैरा के अलावा झारखंड व जमुई के दूर-दराज से भी श्रद्धालु पूजा-अर्चना के लिए मंदिर पहुंचे थे। भक्तों का आना अहले सुबह से ही मंदिर परिसर में हो गया था। श्रद्धालुओं ने किउल नदी में स्नान कर महादेव पार्वती की पूजा-अर्चना की। इस दौरान श्रद्धालुओं द्वारा हर हर महादेव का नारा लगाया जा रहा था। जिससे पूरा वातावरण भक्तिमय हो रहा था। मंदिर परिसर में पूजा-अर्चना के दौरान कोरोना गार्ड लाइन का पालन नहीं किया जा रहा था। श्रद्धालु बिना मास्क के ही पूजा-अर्चना करते नजर आ रहे थे। मंदिर परिसर में मेले का भी आयोजन किया गया था।

सिकंदरा : सावन की पहली सोमवारी को प्रखंड के ऐतिहासिक शिव मंदिर बाबा धनेश्वरनाथ महादेव सिमरिया में अहले सुबह ही जलाभिषेक को लेकर श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ पड़ी। कोरोना संक्रमण के मद्देनजर उमड़ती भीड़ को रोकने के लिए तत्क्षण अंचलाधिकारी कृष्ण कुमार सौरभ ने मंदिर कमेटी के लोगों से बात कर मंदिर के पट को बंद करा दिया। इस बाबत मंदिर न्यास समिति के सचिव मुकेश कुमार सिंह ने बताया कि 26 जुलाई से सावन की पहली सोमवारी की शुरुआत हुई है। बड़ी संख्या में श्रद्धालु पूजा अर्चना के साथ-साथ जलाभिषेक करने के लिए बाबा भोलेनाथ के मंदिर में पहुंचते हैं परंतु कोरोना को लेकर पिछले बार से ही श्रद्धालु भोलेनाथ के शिवलिग पर जलाभिषेक नहीं कर पा रहे हैं। बताया कि मंदिर के पुजारी सरकारी पूजा के तौर सुबह पांच बजे भगवान शिव की पूजा-अर्चना के साथ संध्या सात बजे श्रृंगार पूजा करेंगे। उन्होंने बताया कि श्रद्धालु शारीरिक दूरी का पालन करते हुए मंदिर के बाहर ही पूजा-अर्चना कर श्रद्धा निवेदित कर सकते हैं।

सरौन : सावन की पहली सोमवारी को चकाई प्रखंड के विभिन्न शिवालयों में बड़ी संख्या में शिव भक्तों ने पूजा-अर्चना की। अहले सुबह से ही शिव भक्त मंदिर पहुंचने लगे तथा यह सिलसिला दिन भर जारी रहा। दोपहर बाद बड़ी संख्या में कुंवारी कन्याएं शिवालयों में पहुंचकर पूजा-अर्चना की। हालांकि, कोरोना के कारण मंदिरों में भीड़ अपेक्षाकृत काफी कम था। अति प्राचीन महेश्वरी शिव मंदिर, गोला बाबा दुखहरण शिव मंदिर, रामचंद्रडीह शिव मंदिर, माधोपुर शिव मंदिर, उरवा शिव मंदिर बासुकीटांड शिव मंदिर, बसबुटी पहड़िया महादेव, अजगैविनाथ गोविदोडीह आदि जगहों पर बड़ी संख्या में पूजा-अर्चना के लिए भक्त पहुंचे। साथ ही बड़ी संख्या में लोगों ने आस पास के नदियों से पवित्र जल भरकर विभिन्न शिवालयों में जलाभिषेक किया। सावन सोमवारी को बड़ी संख्या में लोग व्रत रखकर फलाहार करते हैं। यही कारण है कि बाजार में फलों एवं फलाहार जलेबी की खूब खरीद बिक्री की गई।

बरहट : सावन की पहली सोमवारी को लेकर प्रखंड के पत्नेश्वर नाथ मंदिर में पूजा-अर्चना को लेकर श्रद्धालुओं की अच्छी-खासी भीड़ जमा हो गई। अहले सुबह ही श्रद्धालु किउल नदी में स्नान कर मंदिर के मेन गेट तक पहुंचे। कोरोना काल को लेकर मंदिर के मेन गेट पर ताला लगा देखकर श्रद्धालु दीवार को फांदकर मंदिर में प्रवेश कर गए। धीरे-धीरे मंदिर परिसर में काफी भीड़ जमा हो गई। सूचना मिलते ही मलयपुर थाना के पदाधिकारी व सैप के जवानों द्वारा भीड़ को बाहर निकालने का प्रयास किया गया लेकिन पूजा करने पहुंचे श्रद्धालुओं के सामने पुलिस बल को पीछे हटना पड़ा। भीड़ को अनियंत्रित होने की सूचना पर मलयपुर थानाध्यक्ष विजय कुमार डीएपी जवानों के साथ पहुंचकर हल्का बल का प्रयोग कर श्रद्धालुओं को मंदिर से बाहर निकाल दिया। साथ ही मंदिर के आसपास पूजा करवा रहे पुजारियों को भी कड़ी फटकार लगाई। श्रद्धालु भोलेनाथ के शिवलिग पर जल चढ़ाने को आतुर थे लेकिन प्रशासन के सख्त रवैये को देखकर मंदिर जाने वाली सीढ़ी पर ही फूल, बेलपत्र व जल को चढ़ाकर लौट गए। मंदिर में पूजा-अर्चना नहीं करने को लेकर श्रद्धालुओं में काफी नाराजगी जाहिर की। मलयपुर थानाध्यक्ष विजय कुमार ने बताया कि कोरोना संक्रमण को देखते हुए जिला प्रशासन के आदेशानुसार मंदिर को बंद करवाया गया है। श्रद्धालुओं को जिला प्रशासन द्वारा जारी गाइड लाइन के अनुसार मंदिर में प्रवेश वर्जित किया गया है। किसी भी हाल में मंदिर परिसर में भीड़ जमा होने नहीं दिया जाएगा।

अलीगंज : सावन की पहली सोमवारी को अहले सुबह शिवालयों में देवाधिदेव महादेव की पूजा करने को लेकर क्रमबद्ध होकर शारीरिक दूरी को ध्यान में रखते हुए शिव भक्तों ने सावन की पहली सोमवार को श्रद्धा भाव से बेल पत्र व धतूरा व दूध अर्पित कर वैश्विक महामारी कोरोना जैसे गंभीर वायरस से मुक्ति दिलाने की प्रार्थना की। प्रखंड क्षेत्र के विभिन्न गांवों में देवाधिदेव महादेव की पूजा-अर्चना बड़े श्रद्धा भाव से बेल पत्र व धतूरा का फल फूल चढ़ाकर खासकर महिलाओं ने निर्जला उपवास रखकर किया।


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