पदमा कुमारी चौबे बनीं जमुई की पहली महिला जिला जज
जमुई। जमुई के 12 वें और महिला के रूप में पहली महिला जिला जज के रूप में पदमा कुमारी चौबे
जमुई। जमुई के 12 वें और महिला के रूप में पहली महिला जिला जज के रूप में पदमा कुमारी चौबे ने मंगलवार को अपना कार्यभार संभाला। उन्होंने सुबह अपना प्रभार लेने के बाद जमुई के जिला एवं सत्र न्यायाधीश के रूप में नियमित और अग्रिम जमानत की अर्जी के अलावे अन्य मुकदमों को सुना। सीधे और सादे अंदाज में उन्होने एडीजे के अलावे तमाम न्यायिक पदाधिकारी से औपचारिक मुलाकात की और न्यायालय अवधि के बाद 4:35 बजे नये फ्रें¨कग मशीन और मशीन कक्ष के नये सुविधा से युक्त कक्ष का उदघाटन किया। उन्होनें सभी कर्मचारियों और पदाधिकारियों को बुलाकर पहले ही दिन सभी कोर्ट में मुकदमें के निष्पादन की स्थिति की जानकारी लेने के साथ सभी अदालतों में लंबित मुकदमों के त्वरित निष्पादन पर बल दिया। मुल रूप से बिहार के सुपौल की रहने वाली पदमा कुमारी चौबे ने एलएलबी करने के बाद बीपीएससी से न्यायिक पदाधिकारी के रूप में चयनित होने के बाद 8 जनवरी 1990 को न्यायिक सेवा ज्वाइन की। उनका सेवाकाल 31 दिसम्बर 2019 तक है। वे उसके पूर्व लखीसराय में परिवार न्यायालय के प्रधान न्यायाधीश के रूप में पदस्थापित रही है। कुछ दिन पूर्व जमुई के परिवार न्यायालय के प्रधान न्यायाधीश के रिक्त पद पर रतन किशोर तिवारी ने योगदान दिया। इसके साथ ही जमुई में चार एडीजे के कोर्ट में न्यायिक पदाधिकारियों के योगदान से रूके पड़े न्यायिक कार्य और मुकदमों को निपटाने में तेजी आने की संभावना है। जमुई में मुगेंर से अलग होकर 19:03:2005 को जिला जजशिप की शुरूआत के बाद अब तक 12 जिला जज ने योगदान दिया जिनमें से कई वर्तमान में पटना उच्च न्यायालय के न्यायमूर्ति के रूप में कार्य कर रहे हैं।