विस्थापितों के चेहरे पर आई मुस्कान, मकर संक्रांति पर सीआरपीएफ ने दिया तोहफा
जमुई। नक्सली खौफ से बरहट थाना के गुरमाहा, चोरमारा जंगल से पलायन कर सिकन्दरा थाना के को
जमुई। नक्सली खौफ से बरहट थाना के गुरमाहा, चोरमारा जंगल से पलायन कर सिकन्दरा थाना के कोड़ासी में विस्थापितों की तरह जीवन-यापन कर रहे दस परिवार को मकर संक्रांति के मौके पर सीआरपीएफ ने तोहफा दिया। त्योहार की खुशी बांटते हुए सीआरपीएफ 215 बटालियन के कमांडेंट मुकेश कुमार ने विस्थापित परिवारों को तिलकुट, चूड़ा व चॉकलेट उपहार स्वरुप प्रदान किया। साथ ही कोड़ासी में भयमुक्त रहने का आश्वासन दिया। कोड़ासी गांव में सीआरपीएफ द्वारा खिचड़ी भोज का भी आयोजन किया गया। सीआरपीएफ ने ग्रामीणों के साथ मकर मनाया। इस मौके पर सीआरपीएफ के जवान के अलावा विस्थापित परिवार के बचिया देवी, फूलमति देवी, चुनिया देवी, अनिता देवी, भेला कोड़ा, रामजी कोड़ा, लखन कोड़ा, रमिया देवी, नेहा कुमारी, बच्चू कुमार सहित दर्जनों ग्रामीणों ने खिचड़ी भोज का आनंद उठाया। इस मौके पर उपकमांडेंट संदीप कुमार, सहायक कमांडेंट एनएस चौधरी आदि ने सभी विस्थापित परिवार को कोड़ासी गांव में भयमुक्त होकर रहने की अपील करते हुए कहा कि पुलिस प्रशासन सबों की सहायता के लिए तत्पर है।
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जमुई : सीआरपीएफ 215 बटालियन द्वारा मंगलवार को सिविक एक्सन प्रोग्राम के तहत खैरा प्रखंड के दो गांवों में जनोपयोगी सामानों का वितरण किया गया। खैरा प्रखंड के जनकपुर गांव में स्वच्छ पानी पीने के लिए एक सीआरपीएफ द्वारा लगाया गया चापाकल गांव को समर्पित किया गया। जबकि आरोडीह एक चापाकल, दो सिलाई मशीन व दस गरीब आदिवासी को पांच-पांच टाइल्स ईंट फार्मा का वितरण किया गया। कमांडेंट मुकेश कुमार ने कहा कि सीआरपीएफ अपनी डयूटी के साथ-साथ सामाजिक सरोकार में भी अग्रणी भूमिका निभाता है। गरीब आदिवासी मिले सामानों से आय प्राप्त कर सकते हैं। दोनों गांवों में ग्रामीणों के बीच खुशी का माहौल था। ग्रामीणों ने भी सीआरपीएफ को धन्यवाद दिया।