सर्वाधिक स्वर्ण आभूषण की मालकिन हैं तीसरी बार निर्वाचित मुखिया रेखा
जमुई। सोनो प्रखंड के 19 पंचायतों के परिणाम घोषित हो चुके हैं। यहां के नवनिर्वाचित ग्राम प्रधानों में
जमुई। सोनो प्रखंड के 19 पंचायतों के परिणाम घोषित हो चुके हैं। यहां के नवनिर्वाचित ग्राम प्रधानों में अधिकांश मध्यवर्गीय परिवार से ताल्लुक रखते हैं, लेकिन आधा दर्जन से अधिक मुखिया निहायत गरीब परिवार से निर्वाचित हुए हैं। एकाध की हैसियत करोड़ों में भी है। ऐसे ही कुछेक ग्राम प्रधानों की संपत्ति की पड़ताल करती जागरण की एक रिपोर्ट।
रेखा देवी सोनो पंचायत से तीसरी बार मुखिया निर्वाचित हुई हैं। इन्हें गहनों से बड़ा लगाव है। इसकी झलक उनके हलफनामे में दिखती है। अब तक निर्वाचित कुल 65 मुखिया में उनके पास सर्वाधिक 300 ग्राम स्वर्ण आभूषण हैं। इसके अलावा चांदी के जेवरात तथा लग्जरी वाहन की भी मालकिन हैं। अब तक सर्वाधिक 200 ग्राम स्वर्ण आभूषण का रिकार्ड अलीगंज प्रखंड अंतर्गत कैयार पंचायत के मुखिया ललन सिंह के नाम था। अब वे दूसरे पायदान पर खिसक गए हैं। रेखा देवी आठ बीघा कृषि भूमि तथा 2500 स्क्वायर फीट शहरी भूमि की मालकिन हैं। इनके पास नकद राशि बहुत ज्यादा नहीं, लेकिन बैंक बैलेंस, फिक्स्ड डिपाजिट और एलआईसी में अन्य ग्राम प्रधानों से बहुत आगे हैं। इनके नाम 10-10 लाख के बैंक बैलेंस, एलआइसी तथा फिक्स्ड डिपाजिट है। 10 लाख रुपये मूल्य का स्कार्पियो तथा 30 भरी सोना और 20 भरी चांदी इनके नाम है। यूको बैंक सोनो का कर्ज भी इनके परिवार में पांच लाख का है। इनकी वार्षिक आमदनी चार लाख की है। चुरहैत पंचायत से लगातार चौथी बार निर्वाचित मुखिया गेना मांझी की संपत्ति में 15 साल मुखिया रहने के बाद भी बहुत ज्यादा इजाफा नहीं है। इनके पास खुद की जमीन ज्यादा नहीं है लेकिन जुताई वास्ते इन्होंने ट्रैक्टर खरीद रखा है। ये महज 52 डिसमिल जमीन के स्वामी हैं। दो लाख रुपये का जीवन बीमा, 10 ग्राम सोना, 100 ग्राम चांदी तथा 1,40,000 का कर्ज गेना मांझी के हलफनामे में है। कमोवेश ऐसी ही स्थिति ढोढरी पंचायत से दूसरी बार निर्वाचित मुखिया राम ठाकुर की है। इनकी वार्षिक आमदनी तीन लाख रुपये की है। इसके बावजूद इनके पास कृषि भूमि महज 15 कट्ठा, नकद एक लाख तथा बैंक बैलेंस 95000 के अलावा 15 ग्राम स्वर्ण आभूषण तथा 30 भरी चांदी की संपत्ति है। दहियारी पंचायत से पहली बार निर्वाचित मुखिया भीम रजक के नाम भी महज 15 कट्ठा कृषि भूमि है। उनके पास चल संपत्ति के नाम पर नकद 10 हजार, बैंक बैलेंस पांच हजार, स्वर्ण आभूषण 20 ग्राम तथा चांदी 200 ग्राम है। छुछुनरिया मुखिया माइकल भूला तो अब भी कच्चा मकान में निवास करते हैं। खेती के लिए उनके पास एक बीघा जमीन है। बैंक खाता में उनके नाम 20,000 जमा तो है लेकिन नकद के मामले में हाथ खाली है। स्वर्ण आभूषण भी महज चार आना भर मतलब ढाई ग्राम। सबसे कमजोर स्थिति तो गंदर पंचायत की मुखिया अनीता देवी की है। इनके नाम तीन डिसमिल तो पति के नाम पांच कट्ठा कृषि भूमि अचल संपत्ति के नाम पर है। इनके हाथ नकद 10,000 और बैंक बैलेंस 20 हजार है फिर भी आठ लाख की मारुति की सवारी करती हैं। स्वर्ण आभूषण मिलाजुला कर ठीक-ठाक है। 50 ग्राम सोना तथा 300 ग्राम चांदी के जेवरात हैं। केशोफरका से निर्वाचित मुखिया गणेश तूरी के पास भी कृषि भूमि एकड़ में नहीं है। वो 15 कट्ठा कृषि भूमि के अलावा 20-20 हजार नकद और बैंक बैलेंस, 10 ग्राम सोना तथा 100 ग्राम चांदी के मालिक हैं। वैसे मध्यवर्गीय परिवार से आने वाले मुखिया महेश्वरी के अवधेश सिंह 18 एकड़, लालीलेवार की मीरा देवी 10 एकड़, रजौन की साजो बीबी छह एकड़, सारेबाद की शैला देवी, नैयाडीह की मुन्नी देवी और थम्हन की गायत्री देवी पांच-पांच एकड़, लोहा के जमादार सिंह चार एकड़ के स्वामी हैं। इसी प्रकार बाबुडीह की सहाना खातून तीन एकड़, लखनकियारी की सोनी देवी दो एकड़, बेलंबा के गियास अंसारी, बलथर की रंजू देवी तथा पैरा मटिहाना की रंभा कुमारी कुशवाहा के नाम एक-एक एकड़ कृषि भूमि है।