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पूरे वर्ष पानी से भरा रहता सीर सागर, जरूरत जीर्णोद्धार की

आदिकाल से प्रखंड क्षेत्र के सुमेरा में सीर सागर नामक तालाब का पानी कभी नहीं सूखता।

By JagranEdited By: Published: Tue, 13 Apr 2021 07:37 PM (IST)Updated: Tue, 13 Apr 2021 07:37 PM (IST)
पूरे वर्ष पानी से भरा रहता सीर सागर, जरूरत जीर्णोद्धार की
पूरे वर्ष पानी से भरा रहता सीर सागर, जरूरत जीर्णोद्धार की

संवाद सहयोगी मखदुमपुर, जहानाबाद : आदिकाल से प्रखंड क्षेत्र के सुमेरा में सीर सागर नामक तालाब लोगों के लिए आकर्षण का केंद्र बना हुआ है। एक एकड़ 17 डीसमील भू-भाग में फैले इस तालाब को यूं ही सागर नहीं कहा जाता। इस प्रकृति जलस्त्रोत में कभी भी पानी कम नहीं होता। मौसम चाहे जितने करवट बदल ले। इसका आंतरिक जलस्त्रोत इसे पानी उपलब्ध कराता रहता है।

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पहले इस तालाब के पानी का उपयोग सिचाई के कार्य में भी होता था, लेकिन अब यहां सिर्फ भक्ति भाव और आस्था का ही संगम देखने को मिलते है। ऐसी मान्यता है कि इस तालाब की खुदाई दैविक शक्तियों द्वारा भगवान भास्कर को जल अर्पित करने के उद्देश्य से किया गया था। मान्यता के अनुसार सागर में सात धाराएं अंदर से फूटती है। जो इसके पानी को शीतल व निर्मल बनाए रखती है। एक और विलुप्त हो रहे जल स्त्रोतों की खोजबीन हो रही है वहीं दूसरी ओर प्राकृती निर्मित इस तालाब की बेहतर स्थिति सुकून देता है। यदी सरकारी स्तर पर इसके सौंदर्य को निखारने के साथ-साथ

इसके पानी से सिचाई की पद्धति विकसित करने की योजना बनाई जाती तो इलाके में समृद्धि तो आती हीं साथ हीं साथ यहां आस्था का बड़ा केंद्र भी विकसित हो सकता था। जब ग्रामीण इलाकों में पेयजल के आधुनिक संसाधन विकसित नहीं थे तब यही तालाब आसपास के गांव के लोगों की प्यास बुझाती थी। यहां से सिर्फ पीने की पानी ही लोग ले जाते थे। इस स्थान पर प्रारंभ समय से ही बर्तन या कपड़ा धोने के साथ-साथ अन्य किसी प्रकार की गंदगी लगाने पर सख्त पाबंदी रहती थी जो आज भी जारी है। धार्मिक भावनाओं के केंद्र बिदु रहने के कारण ही इसका अस्तित्व पूरी तरह सुरक्षित रह सका। अंदर से फूट रही सात धाराएं शोध का विषय

सुदूर गांव में होने के कारण इस सरोवर की अद्भुत जल धाराओं के रहस्यों को सुलझाने में शोधकर्ता शामिल नहीं हो रहे हैं। भले ही आज भूमि तथा भूमि के अंदर से पानी घटता जा रहा हो लेकिन इस सरोवर में तो हमेशा हीं पानी रहती है। गांव के बुजुर्ग बताते हैं कि 1962- 63 में जब इलाके के सभी कुएं समेत अन्य स्त्रोत सूख गए थे फिर भी यह तालाब पानी से भरा हुआ था। भीषण सुखार में यह तालाब आवश्यक जल की आपूर्ति में इलाके के लोगों को काफी सहयोग किया था। इस सरोवर के कारण ही इलाके में भूजल स्तर है स्थिर

प्रखंड क्षेत्र में कई ऐसे गांव हैं जहां गर्मी का आगमन होते हैं धरती का पानी पाताल मे चला जाता है। लेकिन सुमेरा में भूजल स्तर कभी भी लोगों को परेशान नहीं करता है। इसका मुख्य कारण इस सरोवर में सालो पानी रहना बताया जाता है। जल जीवन हरियाली जैसे योजनाओं के माध्यम से सरकार जल स्त्रोतों को बचाने की मुहिम चला रही है। यदि इसे विकसित कर मॉडल के रूप में प्रस्तुत किया जाता तो संरक्षण की दिशा में लोगों के बीच जागरूकता लाई जा सकती थी।


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