न्याय व्यवस्था में भी मिले वंचित समाज के लोगों को स्थान : मंत्री
स्थानीय अब्दुलबारी नगर भवन में मंगलवार को दलित-महादलित अतिपिछड़ा अधिकार सम्मेलन को संबोधित करते हुए केंद्रीय मानव संसाधन राज्य मंत्री व रालोसपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष उपेंद्र कुशवाहा ने कहा कि वंचित समाज के लोगों को भी न्याय व्यवस्था में स्थान मिलना चाहिए।
जहानाबाद । स्थानीय अब्दुलबारी नगर भवन में मंगलवार को दलित-महादलित अतिपिछड़ा अधिकार सम्मेलन को संबोधित करते हुए केंद्रीय मानव संसाधन राज्य मंत्री व रालोसपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष उपेंद्र कुशवाहा ने कहा कि वंचित समाज के लोगों को भी न्याय व्यवस्था में स्थान मिलना चाहिए। उन्होंने कहा कि सरकार और प्रशासन के लोग जनता की आवाज को मानते हैं। सरकार कानून बनाती है, इसका सही से पालन किया जाना चाहिए। श्री कुशवाहा ने कहा कि बहाली की त्रुटिपूर्ण प्रक्रिया के कारण सुप्रीम कोर्ट में महिला तथा अनुजाति के जज नहीं हैं। कारण यह है कि जजों की बहाली विज्ञापन निकाले जाने के बजाय कॉलेजीयम के द्वारा की जाती है। सच्चाई यह है कि जज की बहाली करने के बजाय अपना उत्तराधिकारी चुनते हैं। उनका कहना था कि देश के मात्र तीन से चार सौ परिवार के लोग ही जज बनते हैं। उन्होंने यह भी कहा कि साधारण परिवार की अगड़ी जाति के लोग भी जज नहीं बन पाते हैं। आरक्षण की चर्चा करते हुए श्री कुशवाहा ने कहा कि समाज के सभी वर्ग के लोगों को एक पंक्ति में खड़ा करना होगा। दबे कुचले लोगों को उपर उठाने में सहयोग करना होगा। मंत्री ने कहा कि आरक्षण से किसी वर्ग का विकास प्रभावित नहीं होता है। जिन राज्यों में ज्यादा आरक्षण है वहां ज्यादा विकास हुआ है। उन्होंने मंडल कमीशन की शेष अनुशंसाओं को भी लागू किए जाने की मांग की। उनका कहना था कि केंद्र की नौकरियों में अतिपिछड़ों की आरक्षण का वर्गीकरण हो। साथ ही जनगणना की रिपोर्ट को प्रकाशित की जाए। उन्होंने कहा कि कोर्ट द्वारा यह कहा गया है कि 50 फीसद से ज्यादा आरक्षण नहीं हो। उस सीमा को तोड़ने की जरूरत है। उन्होंने विलंब से आने का कारण बताते हुए कहा कि हाजीपुर में उनके एक कार्यकर्ता की हत्या हुई है। उनका कहना था कि रालोसपा कार्यकर्ताओं के साथ ही दूसरे लोगों की भी हत्या हो रही है, जो ¨चता का विषय है। उन्होंने कहा कि उनके द्वारा मुख्यमंत्री से खुद इस प्रकार के मामले को देखने का आग्रह किया गया है। श्री कुशवाहा ने कहा कि कानून ढीला पड़ने का खामियाजा दलितों व अतिपिछड़ों को भुगतना पड़ता है। उन्होंने अमर शहीद जगदेव प्रसाद का नमन करते हुए कहा कि पांच सितंबर को ही उनकी शहादत हुई थी। उनका कहना था कि जगदेव प्रसाद एवं कर्पूरी ठाकुर के विचारों की व्याख्या नहीं हो रही है। कारण यह है कि वर्तमान समय में अन्यायपूर्ण व्यवस्था है। उन्होंने कहा कि जगदेव बाबू समाज के सभी वर्ग के लोगों को एक समान देखना चाहते थे। लेकिन कुछ लोगों द्वारा उनके बारे में गलतफहमी पैदा की गई। अतिपिछड़ा के जिलाध्यक्ष भूषण कुमार दांगी की अध्यक्षता तथा महादलित प्रकोष्ठ के जिलाध्यक्ष बिगन मांझी द्वारा संचालित सम्मेलन को पूर्व केंद्रीय मंत्री दशईं चौधरी, नागमणी, भूदेव चौधरी, सत्यानंद दांगी, फागू राम, गोपाल शर्मा, रामभवन ¨सह कुशवाहा आदि लोगों ने संबोधित किया। मंच पर पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव शंकर शर्मा के अलावा प्रदेश तथा जिले के कई अन्य नेता मौजूद थे। इसके पूर्व रालोसपा के जिलाध्यक्ष ¨पटु कुशवाहा ने अतिथियों का स्वागत किया। मौके पर नेताओं एवं कार्यकर्ताओं ने अंगवस्त्र देकर अतिथियों का स्वागत किया।