धान बिक्री के लिए बिचौलियों को नहीं दें पैसा
जहानाबाद । धान का समर्थन मूल्य किसानों का हक है। किसान भाई मेहनत से पैदा किए गए धान बिचौलियों के हाथों नहीं बेचें।
जहानाबाद । धान का समर्थन मूल्य किसानों का हक है। किसान भाई मेहनत से पैदा किए गए धान बिचौलियों के हाथों नहीं बेचें। पैक्स के माध्यम से समर्थन मूल्य दिलाने के लिए सहकारिता विभाग ने प्रबंध किया है। न्यूनतम समर्थन मूल्य पर धान की खरीदारी सुगम तरीके से की जा रही है। जिला सहकारिता पदाधिकारी राजा बाबू ने धान अधिप्राप्ति पर कुछ इसी अंदाज में अपनी बातें कही है। प्रस्तुत है बातचीत का प्रमुख अंश।
प्र.- धान का समर्थन मूल्य किसानों को मिले इसके लिए क्या प्रबंध किया गया है?
उ. - देखिए हमलोग प्रखंड के सभी पैक्सों में प्रत्येक दिन किसान शिविर का आयोजन करा रहे हैं। इस शिविर में जो भी किसान आ रहे हैं उनका ऑन द स्पॉट पंजीयन किया जा रहा है। पंजीकृत किसानों को मोबाइल के माध्यम से सभी योजनाओं की जानकारी दी जा रही है।
प्र.- किसानों को समर्थन मूल्य भुगतान की व्यवस्था सफल है?
उ.- किसानों में जागरुकता का ही परिणाम है कि पिछले वर्ष की तुलना में इस वर्ष कहीं अधिक पंजीयन हुआ है।
प्र.- धान अधिप्राप्ति के कार्य की प्रगति क्या हैं?
उ.- जिले में अब तक 4046 किसानों से 2781 एमटी धान की खरीदारी हुई है। सभी किसानों के खाते में 48 घंटे के अंदर पैसे भी भेज दिए गए हैं। निर्धारित समय के अंदर लक्ष्य के अनुरुप धान की खरीदारी हो जाएगी।
प्र.- धान क्रय के टेढ़े नियमों का आरोप लग रहा है। किसान बिचौलियों के माध्यम से धान बेचने को क्यों मजबूर हो रहे हैं?
उ. - देखिए अब बिचौलियों की कोई गुंजाइश नहीं है। प्रक्रिया काफी सरल है। जो किसान पढ़े लिखे नहीं है वे सिर्फ कार्यालय से संपर्क कर पंजीयन करा लेते हैं। अब तो गांवों में जाकर रजिस्ट्रेशन किया जा रहा है।
प्र.- गड़बड़ी करने वालों की शिकायत कौन सुनता है?
उ.- इसके लिए कार्यालय में भी तीन बीसीओ को भी जिम्मेदारी दी गई है। किसान हमारे कर्मियों से संपर्क कर सरकारी योजनाओं का लाभ उठाएं। पहले पैसा आने में कुछ समय लग जाता है लेकिन अब 48 घंटे में खाते में राशि पहुंच रहा है।
प्र. - पैक्स और व्यापार मंडल को क्रेडिट में क्या दिक्कत है?
उ. -पैक्स तथा व्यापार मंडल को लक्ष्य का 40 फीसद सीसी कराया जाता है। यह दो किस्तों में उपलब्ध होता है। सभी को सीसी उपलब्ध करा दिया गया है। पैक्स तथा व्यापार मंडल धान अधिप्राप्त कार्य में जुटे हैं। लिमिट के आधार पर औसतन साढ़े सात लाख की सीसी दिया गया है।
प्र. - कस्टमड मिल्ड राइस (सीएमआर) के लिए क्या प्रबंध किया है?
उ. - पूरे जिले में सीएमआर को लेकर 24 मिलरों का पंजीकृत किया गया है। पैक्स व व्यापार मंडल द्वारा क्रय किए गए धान को इन मिलरों द्वारा सीएमआर तैयार कर एफसीआई को चावल उपलब्ध कराया जा रहा है। एफसीआई द्वारा निर्गत पैसे से अधिप्राप्ति कार्य हो रहा है।