मूर्ति चोरों में दो बीटेक छात्र गिरफ्तार
रविवार को पुलिस कार्यालय में चोरी की अष्टधातु मूर्तियों और गिरफ्तार गिरोह के सदस्यों की मौजूदगी में एसपी आदित्य कुमार ने कहा कि जो अष्टधातु की मूर्तियों की बरामदगी हुई है, उनकी अंतरराष्ट्रीय बाजार में कीमत एक करोड़ से अधिक है।
जहानाबाद। रविवार को पुलिस कार्यालय में चोरी की अष्टधातु मूर्तियों और गिरफ्तार गिरोह के सदस्यों की मौजूदगी में एसपी आदित्य कुमार ने कहा कि जो अष्टधातु की मूर्तियों की बरामदगी हुई है, उनकी अंतरराष्ट्रीय बाजार में कीमत एक करोड़ से अधिक है। गिरोह के सदस्य अमित कुमार तथा संजीव कुमार बीटेक के छात्र हैं। ये भी पैसे की लालच में गिरोह में शामिल हो गए थे।
उन्होंने कहा कि शुक्रवार की देर रात जब ओकरी ओपी के अध्यक्ष अनिरुद्ध कुमार गश्ती पर निकले थे तो उनकी नजर एक बोलेरो पर पड़ी। उन्हें संदेह हुआ। पुलिस बलों की संख्या कम होने के बावजूद उन्होंने गाड़ी में बैठे प्रमोद तथा नेत्रपाल के अलावा नालंदा जिले के परबलपुर थाना क्षेत्र के कतरु विगहा निवासी चालक अर्जुन कुमार, हिलसा थाना क्षेत्र के पेंदा पर निवासी अमित कुमार,पुना निवासी छोटन पासवान, मय निवासी सतीश पासवान, हिलसा निवासी मो. वसीम, सरायपरशुराय थाना क्षेत्र के मुसाढ़ी निवासी डिकेंस कुमार उर्फ मनीष कुमार उर्फ बुली,पटना जिले के दनियावा निवासी संजीव कुमार की तलाशी ली। एक झोले में दो देशी पिस्तौल, ग्यारह कारतूस की बरामदगी हुई, जबकि पकड़े गये लोगों के पास से नौ मोबाइल फोन मिले। एसपी ने बताया कि इन लोगों के बयान पर हिलसा के पटेल नगर कालोनी में छापेमारी कर वहां से चार मूर्तियों की बरामदगी के साथ ही भलभदर सराय निवासी राहुल कुमार को गिरफ्तार किया गया। एसपी ने बताया कि इस गिरोह के लोगों ने आठ अन्य की संलिप्तता स्वीकार की है, लेकिन वे लोग अब तक पुलिस पकड़ से बाहर हैं।
राहुल कुमार करता था डिलीवरी :
नालंदा जिले के हिलसा थाना क्षेत्र में भलभदर सराय का राहुल कुमार चोरी की मूर्तियों को राजधानी एक्सप्रेस से दिल्ली और अन्य बड़े शहरों में ले जाता था। वह ट्रेन में कोच एटेंडेंट का काम करने लगता था। हालांकि गिरफ्तारी के बाद उसने पुलिस को टीटीई के रूप में कार्यरत होने की बात बताई थी। उधर उतर प्रदेश के फिरोजाबाद जिले के सेरशागंज थाना क्षेत्र के जगभुदी निवासी प्रमोद कुमार तथा मैनपुरी जिले के कार्रा थाना क्षेत्र के जोराही निवासी नेत्रपाल सिंह उन मूर्तियों को बेचने का काम करता था।
यहां से चोरी हुईं थीं मूर्तियां
एसपी ने बताया कि पकड़े लोगों ने स्वीकार किया है कि जिन मूर्तियों की बरामदगी हुई है उसकी चोरी करने नालंदा जिले के कतरीसराय से दो किलोमीटर दूर पहाड़ पर गये थे। भगवान बुद्ध की प्रतिमा बड़ी होने के कारण लाने में दिक्कत थी,परिणामस्वरुप दो टूटी हुई छोटी प्रतिमा की चोरी की गई थी। अंडारी गांव से तीस अप्रैल को नौ देवियों की मूर्ति भी चोरी की गई थी। ओकरी ओपी अंतर्गत गढ़ जलालपुर से बाराह की मूर्ति चोरी की थी। उसे चालीस हजार रुपये में बेच दिया था। हिलसा थाना अंतर्गत राड़ी गांव से दो माह पूर्व शिव पार्वती की मूर्ति की चोरी की हुई थी।
बच गईं कई मूर्तियां :
मूर्ति चोरी गिरोह में शामिल लोगों की गिरफ्तारी नहीं होती तो वे गया के मानपुर बस स्टैंड तथा नालंदा के कतरी सराय में शेषबुद्ध प्रतिमा को भी चुराते। हुलासगंज खिजरसराय रोड में नैनी गांव से नटेश्वर की मूर्ति तथा एकंगरसराय के समीप बरसिम्हा गांव से बुद्ध की प्रतिमा भी चुराने की योजना थी। पावापुरी से बुद्ध की बहन मां तारा तथा पटना सिटी चौक के समीप बरगद के पेड़ में स्थापित बुद्ध की प्रतिमा को भी चुराने का प्लान था।