संग्रहालय के 40वें स्थापना दिवस पर हुआ समारोह का आयोजन
स्वामी सहजानंद सरस्वती संग्रहालय के 40वें स्थापना दिवस पर रविवार को संग्रहालय के सभागार में समारोह का आयोजन किया गया।
जहानाबाद। स्वामी सहजानंद सरस्वती संग्रहालय के 40वें स्थापना दिवस पर रविवार को संग्रहालय के सभागार में समारोह का आयोजन किया गया। जिलाधिकारी नवीन कुमार की अध्यक्षता में समारेाह का आयोजन हुआ। मौके पर मुख्य अतिथि के रूप में मौजूद संग्रहालय के संस्थापक चेयरमैन व जहानाबाद के पूर्व जिलाधिकारी शक्ति कुमार नेगी ने कहा कि इस जिले में मेरी पदस्थापना अनुमंडल पदाधिकारी के रूप में हुआ था। उसके बाद डीएम के रूप में भी यहां कार्य करने का मौका मिला है। उन्होंने कहा कि जिलाधिकारी होने के नाते मुझे इस जिले की विकास करनी थी जिसे लेकर इस संग्रहालय के निर्माण में मेरा सहयोग रहा। उन्होंने कहा कि हमेशा वर्तमान देखकर अपने समृद्ध एवं गौरवशाली इतिहास पर गर्व करना चाहिए। उन्होंने कहा कि संग्रहालय को शैक्षणिक, सांस्कृतिक एवं अन्य प्रकार की गतिविधियों के संचालन में भरपूर सहयोग रहेगा। यहां के पुस्तकालय की व्यवस्था को देख उन्होंने हर्ष व्यक्त किया। साथ ही साथ पांच हजार रूपए की पुस्तकें देने की घोषणा भी की। इस अवसर पर संग्रहालय से संबंधित एक पुस्तक का लोकार्पण भी किया गया। कार्यक्रम में वर्तमान जिलाधिकारी ने संग्रहालय के विकास के लिए अपनी प्रतिवद्धता जाहिर की। उन्होंने कहा कि जिलाधिकारी के साथ-साथ इस संग्रहालय के अध्यक्ष की जिम्मेदारी भी मेरे उपर है। उन्होंने कहा कि कार्यकारिणी के लोगों की जो भी मांगें होगी उसे मैं पूरा करने का प्रयास करूंगा। मौके पर अनुमंडल पदाधिकारी सह संग्रहालय के उपाध्यक्ष निवेदिता कुमारी ने कहा कि जहानाबाद पुरातात्विक महत्वों को अपने अंदर सहेजे हुए है। इस संग्रहालय की अपनी एक अहमियत है। इसे और विकसित करने के लिए सरकारी तथा गैरसरकारी स्तर पर कार्य किया जाए। मौके पर संग्रहालय के सचिव रामवरन शर्मा, कार्य सचिव गिरिजानंदन सिंह, सीताशरण शर्मा, पूर्व आईजी गिरिजानंदन शर्मा, कृष्णकांत शर्मा, देवनंदन प्रसाद यादव, अंबिका शर्मा, पूर्व प्राचार्य चंद्रभूषण शर्मा आदि लोगों ने अपनी बातें रखी। कार्यक्रम में एल्कम फार्मा द्वारा डायरी का वितरण किया गया। फार्मा के पंकज कुमार ने मौजूद लोगों को डायरी प्रदान किया। कार्यक्रम में मनोज कुमार रंजन, विश्वनाथ प्रसाद, डॉ गिरिजेश कुमार, प्रो श्यामाकांत शर्मा, सुरेंद्र प्रसाद शर्मा, शिक्षाविद राजकिशोर, संतोष श्रीवास्तव आदि लोग मौजूद थे। अंत में सीताशरण शर्मा ने धन्यवाद ज्ञापन किया।