श्रद्धा के साथ मना मकर संक्रांति का त्योहार
मकर संक्रांति का त्योहार जिले के शहरी व ग्रामीण इलाकों में सोमवार को धूमधाम से मनाया गया।
जहानाबाद । मकर संक्रांति का त्योहार जिले के शहरी व ग्रामीण इलाकों में सोमवार को धूमधाम से मनाया गया। कई लोग जहां अपने घरों में स्नान कर पूजा पाठ के साथ दही-चुड़े तथा तिल-गुड़ का भोग लगाया। वहीं बड़ी संख्या में श्रद्धालुओं ने नदी तथा जल सरोवरों में डूबकी लगा विधिवत रूप से पूजा अर्चना की। हालांकि हिन्दी पंचांग में इस त्योहार को लेकर दुविधा की स्थिति बनी हुई थी। यही कारण है कि कुछ लोग 15 जनवरी को भी मकर संक्रांति का त्योहार मनाएंगे। लेकिन वर्षों से चली आ रही परंपरा के अनुरूप संक्रांति का त्योहार 14 जनवरी को मनाया जाता रहा है। हालांकि इस त्योहार के पीछे धार्मिक कारण तो है ही। लेकिन इसके कई वैज्ञानिक कारण भी हैं। धार्मिक मान्यता के अनुसार इस त्योहार की शुरूआत महाभारत काल में पांडवों ने शुरू की थी। तबसे यह आज तक मनाया जाता रहा है। वैज्ञानिक ²ष्टिकोण से ग्रह-उपग्रहों की स्थिति मकर संक्रांति के दिन इस कदर अनुकूल होता है कि सरोवरों में डूबकी लगाने के उपरांत तिल-गुड़ खाने से कई बीमारियों से मुक्ति मिलती है। कृषि प्रधान इस देश में हरेक पर्व त्योहार को फसल से जोड़कर देखा जाता है। किसानों की खेतों में जब रबि फसल लहलहाने लगता है तो खुशी इजहार करने तथा धान के नए उपज के चुड़ा के रूप में रसस्वादन करने के उद्देश्य से यह त्योहार मनाया जाता है। मान्यताएं कई हैं लेकिन इस त्योहार का उत्साह अपने आपमें काफी खास है। कहीं न कहीं यह त्योहार आज के आधुनिकता में परंपरागत सामाग्रियों से लोगों को जोड़ने का काम करता है।