जहानाबाद में सिमटता जा रहा बतीस भंवरिया चौराहा
जहानाबाद। शहर से गांव की ओर जाने वाली सड़के दिन प्रतिदिन चौड़ी हो रही है। वन लेन डबल में तो डबल ट्रिपल लेन में तब्दील हो रहा है। इसके ठीक विपरीत शहर के चौक चौराहा का हाल बदहाल होता जा रहा है।
जहानाबाद। शहर से गांव की ओर जाने वाली सड़के दिन प्रतिदिन चौड़ी हो रही है। वन लेन डबल में तो डबल ट्रिपल लेन में तब्दील हो रहा है। इसके ठीक विपरीत शहर के चौक चौराहा का हाल बदहाल होता जा रहा है। यदि बतीस भंवरिया चौराहा की बात करें तो तेजी से यह संकुचित हो रहा है। इसके चारों ओर अतिक्रमण का जंजाल इस कदर फैला है कि फुटपाथ का कहीं नामोनिशान तक नहीं बचता है। यहां फुटपाथ पर सुबह से शाम तक कारोबार होता है। ठेले खोमचे वाले तो दुकानें लगाते ही हैं कई स्थाई चाय पान की दुकानें भी फुटपाथ को अपनी गिरफ्त में ले रखा है। वर्षों बाद जब कोई व्यक्ति जहानाबाद शहर में आता है तो इस बतीस भंवरिया को पहचानना उसके लिए मुश्किल हो जा रहा है। दरअसल कभी यह विस्तृत परिधि वाला चौराहा हुआ करता था, लेकिन बढ़ती आबादी और बेरोजगारी की समस्या ने फुटपाथ पर कारोबार को इस कदर बढ़ा दिया है कि इसकी चपेट में अब यह चौराहा सिर्फ हाई मास्क लाइट से अपनी पहचान बनाने में जुटा है। हालांकि कभी-कभी इस दिशा में नगर परिषद द्वारा पहल जरूर होती है लेकिन अभियान के दिन तक ही यहां अतिक्रमण मुक्त स्थिति में रहता है। फिर पहले जैसी ही स्थिति कायम हो जाती है। अतिक्रमण के कारण घट चुकी है यहां घटनाएं भी
इस चौराहे से बड़े वाहनों को गया तथा घोसी की ओर जाने के लिए घुमना पड़ता है। बड़े वाहनों के घुमाव के लिए पर्याप्त स्पेस की जरूरत पड़ती है, लेकिन अतिक्रमण के कारण कई बार समस्याएं होती है। तकरीबन पांच साल पहले इसी स्थान पर फुटपाथ पर संचालित दुकान में सो रहे दो लोगों की मौत ट्रक की चपेट में आ जाने से हो गई थी। इस घटना के बाद कुछ दिनों तक इस जगह को अतिक्रमण मुक्त रखा गया था, लेकिन फिर इस ओर अधिकारियों का ध्यान जाना बंद हो गया। इस हालात में फिर कभी भी यहां बड़ी घटना घट सकती है।