किसान नेताओं का 12 दिवसीय यात्रा संपन्न
झारखंड से एक दिसंबर को प्रारंभ यात्रा इस जिले से होकर पटना जिले के पभेड़ी के लिए प्रस्थान किया।
जहानाबाद। झारखंड से एक दिसंबर को प्रारंभ यात्रा इस जिले से होकर पटना जिले के पभेड़ी के लिए प्रस्थान किया।
जल जंगल और •ामीन को बचाने एवं नदियों के संरक्षण, संवर्द्धन व विकास को संकल्पित इस यात्रा ने अपना 12वर्ष पूरा किया। फ्रेंडस ऑफ इंडिया फाउंडेशन के अध्यक्ष व नेतृत्वकर्ता चंद्रमौली के नेतृत्व में यात्रा के आखिरी दिन में यह जत्था घोसी तथा जहानाबाद में पहुंचा। घोसी हाई स्कूल, भार्थु हाई स्कूल व अन्य विद्यालयों के बच्चों, शिक्षकों एवं रास्ते में पड़ने वाले ग्रामीणों से मिलते हुए उन्हें वर्तमान जल समस्या से निपटने की चुनौतीयों के प्रति जारूक करते हुए अपनी यात्रा के आखिरी पड़ाव पभेड़ी के लिए रवाना हुई। नदी संरक्षण, संवर्द्धन,नदियों के उतरोत्तर विकास, शोध एवं भ्रमण वाली यह यात्रा वर्ष जागरुकता अभियान की शुरुआत के शुरू की गई थी और पूरे यात्रा में इसे ही प्राथमिकता दी गई। इस वर्ष इस यात्रा में जन जागरुकता को प्राथमिकता देते हुए सभी को अधिक से अधिक वृक्षारोपण के लिए प्रेरित किया गया। विशेष तौर पर नई पीढ़ी के लोगों को वृक्षारोपन के लिए प्रोत्साहित करने के लिए उनके बीच वृक्षारोपण प्रतियोगिता का आयोजन किया गया। नदी के दोनों किनारों पर पड़ने वाले सभी प्रमुख विद्यालयों में प्रमुखता से जल जंगल और जमीन पर चर्चा की गई और नदियों को बचाने की इस मुहिम में सबका साथ मांगा गया। इस यात्रा के आयोजक संस्था फ्रेंड्स ऑफ इंडिया फाउंडेशन था। इसमे वाणी वेलफेयर एसोसिएशन ऑफ एनजीओ का भी पूरा साथ रहा। फ्रेंड्स ऑफ इंडिया फाउंडेशन के अध्यक्ष व नेतृत्वकर्ता- *चंद्रमौली ने लोगों से पुरातन काल से चली आ रही प्रकृति की पूजा के कारण व महत्व की चर्चा की एवं नदियों को मां क्यों कहते हैं इसकी जानकारी भी दी। नदियों के संरक्षण की कितनी जरूरत है इसपर विमर्श किया।नदी संरक्षण के साथ साथ अन्य जल स्त्रोतों के संरक्षण एवं सदुपयोग की कितनी जरूरत है। इसपर भी विमर्श किया गया और इसके लिए सजग एवं संकल्पित होने का निवेदन किया गया। उन्होंने कहा कि भू माफियाओं के द्वारा नदियों का अतिक्रमण एवं अवैध बालू खनन का विरोध करना भी नदियों के अस्तित्व को बचाने के लिए जरूरी है। उन्होंने लोगों को भूमिगत जल के सदुपयोग और उसके दुरुपयोग की भी विस्तार से जानकारी दी। फाउंडेशन के सचिव सह वाणी संस्था के संस्थापक अध्यक्ष डॉ नंदन कुमार सिन्हा ने जीव मात्र का प्रकृति से कितना लगाव है इसपर गंभीर चर्चा की। इस कार्यक्रम को सफल बनाने में मनोज जी, समीर कुमार, शिवम, शुभम, भूषण शर्मा, दीप राज, नंदन शर्मा, मनीष जी, नवलेश कुमार तथा दुर्गेश कुमार आदि लोग सक्रिय रहे।