यमनियमासन प्राणायाम प्रत्याहारधारणा..
गोपालगंज: मंगलवार को शहर के आर्शीवाद वाटिका में यमनियमासन प्राणायाम प्रत्याहारधारणा ध्यानसम
गोपालगंज: मंगलवार को शहर के आर्शीवाद वाटिका में यमनियमासन प्राणायाम प्रत्याहारधारणा ध्यानसमाधयो के महत्व पर प्रकाश डालते हुए करें योग रहें निरोग के उद्घोष के साथ अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस मनाया गया। पतंजलि योग समिति एवं भारत स्वाभिमान न्यास के तत्वाधान में आयोजित विश्व योग दिवस के कार्यक्रम में शामिल होने के लिए प्रात: छह बजे से ही पुरूष, महिला, बाल युवा तथा प्रौढ़ों की भीड़ पहुंचने लगी। योग के प्रति उमड़ी जन सैलाब के सामने कार्यक्रम स्थल का स्थान भी छोटा पड़ गया। पतंजलि योग समिति के माधव अग्रवाल ने तीन बार के ओम के उच्चारण से कार्यक्रम का शुभारंभ कराया। मुख्य योग शिक्षक प्रो. रवि रंजन कुमार ने भारत सरकार द्वारा निर्धारित योग पैकेज यथा वृक्षासन, ताड़ासन, उष्ट्रासन, ब्रजासन, शीतलीकरण के साथ कपाल भारत, अनुलोम-विलोम आदि प्राणायामों का अभ्यास कराया। इस मौके पर पब्लिक स्कूल के छात्रों की जय हो गीत पर योग वाटिका प्रस्तुति कर मानव श्रृंखला बनाकर लोगों को मंत्र मुग्ध कर दिया। गायिका प्रियंका कुमारी ने ऐ मेरे वतन के लोगों., गीत गाकर पूरे माहौल को देश भक्ति से ओत प्रोत कर दिया। इस प्रस्तुति में भैरवी संगीत महाविद्यालय के प्राचार्य विनोद कुमार सिन्हा ने हारमोनियम पर, तबला पर सतेंद्र कुमार तथा वायलीन पर अतुल कुमार ने साथ दिया। पतंजलि समिति की महिला अध्यक्षा शालिनी भावसिंह ने योग पर भटकता डोले काहे प्राणी.., गीत गाकर तालियां बटोरी। इस गीत पर सजल अग्रवाल, रितिका, महजबीन ने उनका साथ दिया। सजल ने हम उनको प्रणाम करते हैं., राष्ट्रगीत गाकर सबका मन मोह लिया। कार्यक्रम का उद्घाटन जिला विधि संघ के सचिव प्रेमनाथ मिश्र, बृजकिशोर सिंह, बिहार विकास विद्यालय के निदेशक अनिल श्रीवास्तव, रेड क्रास सोसाइटी के सचिव ज्योति वर्णवाल, प्रेम केडिया तथा दिव्यांग विजय कुमार गुप्ता ने दीप प्रज्जवलित कर किया। कार्यक्रम के उद्घोषक का कार्य परशुराम श्रीवास्तव तथा धन्यवाद ज्ञापन राजेश श्रीवास्तव ने किया। इस मौके पर विमल कुमार, डा. बीके गुप्ता, सतेंद्र कुमार तिवारी, नागेंद्र गुप्ता, कमलेश कुमार, चंचल वर्णवाल, विनय मिश्र, मोतीलाल प्रसाद सहित सैकड़ों की संख्या में लोग मौजूद रहे।
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बताए गए कई आसान के फायदे
ताड़ासन के लाभ
- दीर्घ श्वसन से फुफ्फुस सुदृढ़ एवं विस्तृत होते हैं।
- यह आसन कद की वृद्धि के लिए सर्वोत्तम है। इससे समस्त शरीर के स्नायु सक्रिय एवं विकसित होते हैं।
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उष्ट्रासन के लाभ
- श्वसन तंत्र के लिए लाभकारी। फेफडों के प्रकोष्ठ को सक्रिय करता है, जिससे दमा के रोगियों को लाभ होता है।
- सर्वाइकल, स्पेंडोलाइटिस एवं सियाटिका आदि समस्त मेरुदण्ड के रोगों को दूर करता है।
- थायराइड के लिए लाभकारी है।
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वज्रासन के लाभ
- यह ध्यानात्मक आसन है जो मन की चंचलता को दूर करता है।
- भोजन के बाद किया जाने वाला एकमात्र आसन है।
- इसके करने से अपचन, अम्लपित्त, गैस, कब्ज की निवृत्ति होती है।
- भोजन के बाद पांच से 15 मिनट तक करने से पाचन ठीक से हो जाता है।
- घुटनों की पीड़ा को दूर करता है।
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प्राणायम के लाभ
कपालभाति प्राणायाम
- मस्तिष्क व मुखमण्डल पर ओज, तेज, आभा बढ़ता है।
- समस्त कपरोग, दमा, श्वास, एलर्जी, साइनस आदि रोग नष्ट हो जाते हैं।
- हृदय, फेफड़ों एवं मस्तिष्क के समस्त रोग दूर होते हैं।
- मोटापा, मधुमेह, गैस, कब्ज, अम्लपित्त, किडनी व प्रास्टेंट से संबंधित रोग दूर होते हैं।
- मन स्थिर, शांत व प्रसन्न रहता है।
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अनुलोम विलोम
- आमवात, गठिया, कंपवात, स्नायु दुर्बलता, मूत्र रोग, धातु रोग, शीतपित्त, सर्दी जुकाम, अस्थमा, खांसी आदि कफ रोग दूर होते हैं।
- हृदय की धमनियों में आए हुए अवरोध खुल जाते हैं।
- कालेस्ट्राल, ट्राइग्लिसराइड्स, एचडीएल या एलडीएल आदि की अनियमितताएं दूर हो जाती है।
- नकारात्मक चिंतन में परिवर्तन होकर सकारात्मक विचार बढ़ने लगते हैं।
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प्राणायम करने के अनुमानित समय
प्रणायाम समय मिनट में भस्त्रिका 10 मिनट
कपालभाति 30 मिनट
उज्जायी 5 मिनट
अनुलोम विलोम 30 मिनट
भ्रामरी 5 मिनट
उद्गीथ 5 मिनट
प्रणव 5 मिनट