वीएम में बिना शिक्षक के होती है गणित की पढ़ाई
शिक्षकों के बिना पढ़ाई कैसे होती है, इसे देखना हो तो शहर के वीएम हाईस्कूल स
गोपालगंज। शिक्षकों के बिना पढ़ाई कैसे होती है, इसे देखना हो तो शहर के वीएम हाईस्कूल सह इंटर कॉलेज में चले आइए। शहर के मुख्य विद्यालय में से एक वीएम हाई स्कूल सह इंटर कॉलेज में बिना शिक्षक के ही गणित विषय की पढ़ाई होती है। इस विद्यालय में बढि़या खेल मैदान है, लेकिन खेल शिक्षक नहीं है। जिन विषयों में शिक्षक हैं, उनकी भी संख्या छात्रों की संख्या की अपेक्षा आधी है। इस विद्यालय में स्वीकृत पद के अनुसार एक दो विषयों को छोड़कर किसी भी विषय को पढ़ाने के लिए शिक्षक नहीं हैं। शिक्षकों के कई पद रिक्त पड़े हुए हैं। ऐसे में इस विद्यालय में पढ़ने वाले छात्रों की पढ़ाई लिखाई भगवान भरोसे ही होती है। छात्र विद्यालय आते हैं और पढ़ाई का कोर पूरा कर अपने घर लौट जाते हैं।
शहर में स्थित वीएम हाई स्कूल सह इंटर कॉलेज की स्थापना 1901 में हुई है। इस विद्यालय में 3480 छात्र-छात्राएं पढ़ती हैं। संसाधन के मामले में यह विद्यालय अन्य विद्यालयों से धनी है। इस विद्यालय में बड़ा सा खेल मैदान है तथा लाइब्रेरी से लेकर प्रयोगशाला है। इस विद्यालय में कंप्यूटर केंद्र भी चलता है, लेकिन इन सब संसाधन के बाद भी इस विद्यालय में पढ़ने वाले छात्र छात्राओं को अच्छी शिक्षा नहीं मिल पा रही है। सबसे बड़ी समस्या छात्रों की संख्या में अनुरूप शिक्षकों का नही होना है। इस विद्यालय में गणित विषय की पढ़ाई तो बिना शिक्षक के ही होती है। गणित पढ़ाने के लिए इस विद्यालय में एक भी शिक्षक नहीं हैं। जबकि गणित विषय के लिए दो शिक्षकों का पद स्वीकृत है। अन्य विषयों के लिए भी शिक्षकों की संख्या स्वीकृत पद से कम है। भौतिक विज्ञान, रसायन विज्ञान, बायोलॉजी, अंग्रेजी विषय के लिए दो दो शिक्षकों का पद स्वीकृत है, लेकिन इन सभी विषयों में एक एक ही शिक्षक हैं। हालांकि अर्थशास्त्र, कामर्स, राजनीति शास्त्र जैसे कुछ ऐसे विषय भी हैं जिनमें स्वीकृत पद के अनुसार शिक्षक तैनात हैं।
लाइब्रेरी व कंप्यूटर कक्ष रहता है बंद
वीएम हाई स्कूल सह इंटर कॉलेज में लाइब्रेरी से लेकर कंप्यूटर की शिक्षा की व्यवस्था है, लेकिन लाइब्रेरी बंद पड़ा हुआ है। कंप्यूटर कक्ष भी अक्सर बंद रहता है। बताया जाता है कि लाइब्रेरी में पुस्तकें हैं, लेकिन जगह नहीं है। लाइब्रेरी के कमरे में ही कंप्यूटर की क्लास चलती है। लेकिन किसी प्राइवेट एजेंसी के एक शिक्षक होने के कारण कंप्यूटर की भी पढ़ाई नहीं हो पाती है।
विद्यालय के परिसर में ही चलता है केंद्रीय विद्यालय
वीएम हाईस्कूल सह इंटर कॉलेज के परिसर के ही एक भाग में केंद्रीय विद्यालय चलता है। केंद्रीय विद्यालय चलने से इस विद्यालय में कमरे की कमी हो गई है। जिससे किसी तरह अलग-अलग शिफ्ट में कक्षाएं चलाई जाती है। केंद्रीय विद्यालय चलने के कारण इस विद्यालय का बड़ा से खेल मैदान भी सिकुड़ गया है। ऊपर से खेल शिक्षक नहीं होने से खेलकूद की गतिविधियों ठप से हो गई हैं।
शिक्षकों की कमी के कारण पढ़ाई ठीक से नहीं हो पाती है। विद्यालय में कमरों की भी कमी है। एक एक कमरे में काफी अधिक छात्र बैठने को मजबूर होते हैं।
आरती कुमारी
विद्यालय में संसाधन तो है, लेकिन उसका लाभ नहीं मिल पाता है। लाइब्रेरी बंद पड़ा रहता है। वहां बैठ कर पढ़ने के लिए जगह ही नहीं है।
महजीवन परवीन
विद्यालय के कुछ भवन में ही केंद्रीय विद्यालय चलता है। जिससे इस विद्यालय में पढ़ने वाले छात्र छात्राओं को काफी परेशानी उठानी पड़ रही है। कमरों की काफी कमी हो गई है।
माया कुमारी
पढ़ाई ठीक से नहीं होती है। छात्रों की संख्या काफी अधिक है। लेकिन उसके अनुपात में शिक्षक नहीं हैं। विद्यालय में संसाधन होने के बाद भी परेशानी झेलते हैं।
शब्बू परवीन
इस विद्यालय में जैसे तैसे कक्षाएं चलती हैं। कमरे की कमी के कारण कक्षा में बैठने में भी दिक्कत होती है। केंद्रीय विद्यालय के कारण इस स्कूल के छात्रों को परेशानी उठानी पड़ रही है।
गूंजा कुमारी
इस विद्यालय में न तो खेलकूद की व्यवस्था है और ना ही लाइब्रेरी की। शिक्षकों की कमी से पढ़ाई भी ठीक से नहीं होती है।
काजल कुमारी
केंद्रीय विद्यालय चलने से वीएम विद्यालय में जगह की कमी हो गई है। लाइब्रेरी में पुस्तकें तो है, लेकिन उसमें जगह नहीं है। लाइब्रेरी कक्ष में ही कंप्यूटर की क्लास चलती है। यहां पढ़ने वाले छात्रों की संख्या अधिक है। उसके अनुसार शिक्षकों की काफी कमी है। इस स्थित से विभागीय पदाधिकारियों को अवगत करा दिया गया है।
राजेंद्र पांडेय, प्राचार्य, वीएम हाईस्कूल सह इंटर कॉलेज