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45 दिन तक चलेगा खसरा-रूबेला टीकाकरण अभियान

जिले में खसरा-रूबेला रोग से बचाव को 45 दिन तक टीकाकरण अभियान चलाया जाएगा। पूरे जिले में 15 जनवरी से शुरू हो रहे इस टीकाकरण अभियान को लेकर गुरुवार को शहर में जागरूकता रैली निकाली गई।

By JagranEdited By: Published: Thu, 10 Jan 2019 05:40 PM (IST)Updated: Thu, 10 Jan 2019 05:40 PM (IST)
45 दिन तक चलेगा खसरा-रूबेला टीकाकरण अभियान
45 दिन तक चलेगा खसरा-रूबेला टीकाकरण अभियान

गोपालगंज : जिले में खसरा-रूबेला रोग से बचाव को 45 दिन तक टीकाकरण अभियान चलाया जाएगा। पूरे जिले में 15 जनवरी से शुरू हो रहे इस टीकाकरण अभियान को लेकर गुरुवार को शहर में जागरूकता रैली निकाली गई। लायंस क्लब के तत्वाधान में कलेक्ट्रेट परिसर से निकली यह रैली शहर के पोस्ट ऑफिस चौक, अंबेडकर चौक, घोष मोड़, मौनिया चौक से होकर गुजरी। इस दौरान इस रैली में शामिल जिलाधिकारी अनिमेष कुमार पराशर के संग नंदी ग्रेस स्कूल के बच्चे लोगों को खसरा-रूबेला टीकाकरण अभियान के प्रति जागरूक करते रहे। लोगों को अपने अपने बच्चों को 15 जनवरी से शुरू हो रहे टीकाकरण अभियान के दौरान टीका लगाने के लिए प्रेरित किया जाता रहा। इस संबंध में डीआइओ शक्ति ¨सह तथा एसएमसीयू रूबी ¨सह ने बताया कि बच्चों के स्वास्थ्य को लेकर केंद्र सरकार ने खसरा और रूबेला बीमारी से बचाव को महाअभियान की शुरुआत की है। पोलियो मुक्त भारत की तरह भारत सरकार अब खसरा मुक्त भारत के लक्ष्य पर काम कर रही है। उन्होंने बताया कि जिले 15 जनवरी से खसरा व रूबेला से बचाव को टीकाकरण अभियान शुरू होगा। 45 दिन तक चलने वाले इस अभियान में सभी स्कूल, आंगनबाड़ी केंद्र की सेविका व सहायिका की मदद लिया जाएगा। क्या है रूबेला व खसरा

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गोपालगंज : खसरा अत्यधिक संक्रामक होता है। संक्रमित व्यक्ति के खांसने और छींकने से यह बीमारी फैलती है। इसमें निमोनिया, डायरिया व दिमागी बुखार होने की संभावना बढ़ जाती है। चेहरे पर गुलाबी-लाल चकत्ते, तेज बुखार, खांसी, नाक बहना व आंखें लाल होना इस बीमारी के लक्षण हैं। वहीं रूबेला गर्भावस्था के दौरान होने वाला संक्रमण है। यह नवजात शिशुओं के लिए जानलेवा साबित हो सकता है। संक्रमित माता से जन्मे शिशु को ग्लूकोमा, मोतिया¨बद, बहरापन, मंद बुद्धि व दिल की बीमारी होने का खतरा बढ़ जाता है। रूबेला से गर्भपात, समय पूर्व प्रसव व गर्भ में बच्चे की मौत भी हो सकती है।


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