Move to Jagran APP

गांवों का बदला माहौल, पहले से काफी मुखर हुई महिलाएं

एनएच 28 के भड़कुइयां मोड़ पर रुक कर मांझा के कर्णपुरा गांव जाने का रास्ता पूछा ही था कि कई सवाल यहां खड़े लोगों ने पूछ दिए। किसके घर जाना है क्या काम है क्या करते हैं..।

By JagranEdited By: Published: Mon, 25 Mar 2019 09:04 PM (IST)Updated: Mon, 25 Mar 2019 09:04 PM (IST)
गांवों का बदला माहौल, पहले से काफी मुखर हुई महिलाएं
गांवों का बदला माहौल, पहले से काफी मुखर हुई महिलाएं

गोपालगंज : एनएच 28 के भड़कुइयां मोड़ पर रुक कर मांझा के कर्णपुरा गांव जाने का रास्ता पूछा ही था कि कई सवाल यहां खड़े लोगों ने पूछ दिए। किसके घर जाना है, क्या काम है, क्या करते हैं..,। दरअसल यहां खड़े होकर आपस में बातचीत कर रहे लोग कर्णपुरा गांव के ही थे। इनके बीच लोकसभा चुनाव में जीत-हार पर बहस चल रही थी।

loksabha election banner

सुबह के नौ बजे थे। भड़कुइयां मोड़ पर मिलने वाले लोगों के साथ अभी-अभी कर्णपुरा गांव पहुंचा था। उज्ज्वला योजना के बारे में चर्चा करने पर इस गांव के संतोष चौबे सीधे अपने रसोईघर में लेकर चले गए। एस्बेस्टस की छत वाले इस घर की रसोईघर में नीचे बैठ कर इनकी पत्नी शीला देवी रसोई गैस पर खाना बना रही थीं। शीला देवी ने बताया कि पहले लकड़ी के चूल्हे पर खाना बनाना पड़ता था। रसोईघर से लेकर पूरे घर में धुंआ फैल जाता था। सुबह दोपहर शाम खाना बनाने में ही बीत जाता था। बच्चे बिस्कुट खाकर स्कूल चले जाते थे। और अब? इसके जवाब में उनके चेहरे पर मुस्कान उभर आई। सवाल का जवाब ग्रामीणों ने दिया। ग्रामीणों ने बताया कि पहले रसोईघर में पहुंचते ही घर की महिलाओं की आंखें धुएं से लाल हो जाती थीं। छह महीने पहले पंचायत भवन में शिविर लगाकर रसोई गैस का कनेक्शन वितरित किया गया। अब इस गांव में सभी के घरों में रसोई गैस पर खाना बनता है। गांव का माहौल पहले से काफी बदल गया है। अब गांव की महिलाओं के चेहरे पर छाया सुकून उनकी खुशी को जाहिर करता है।

दोपहर के दो बजे थे। कटेया प्रखंड के जयसौली गांव के लोग अपने काम पर चले गए थे। खेतों में चहल पहल थी। गांव में कम ही लोग नजर आए। कुछ ग्रामीणों से मुलाकात हुई तो उन्होंने बताया कि प्रखंड मुख्यालय स्थित गैस एजेंसी में शिविर लगाकर रसोई गैस का कनेक्शन वितरित किया गया था। ग्रामीणों की बातों से यह महसूस हुआ कि शुरुआती दौरा में उज्ज्वला योजना का लाभ पाने में दिक्कतें आईं। सूबे में जदयू-भाजपा गठबंधन की सरकार बनने के बाद इस योजना में काफी तेजी आई। कटेया प्रखंड की ही बात करें तो इस प्रखंड में 9600 गरीब परिवारों को इस योजना का लाभ मिला है। पूरे जिले में एक लाख 49 हजार गरीब परिवार के लोगों के घर रसोई गैस पहुंच गई है। इससे गांवों का माहौल पहले से बदल गया है। हालांकि लोकसभा चुनाव में जीत हार को लेकर ग्रामीणों के चल रही बहस के बीच जाति का असर भी साफ दिख रहा है। लेकिन यह भी दिखा कि चूल्हा चौका से समय बचने के कारण अब महिलाएं भी काफी मुखर हो गई हैं। तभी तो जयसौली की मालती देवी कहती हैं कि अब घर में उनकी भी चलती है। इस बदलाव से रसोईघरों में चेहरों पर अब मुस्कुराहट दिखने लगी हैं।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.