अधिवक्ता को हमला मामले में जेल भेजे गए दो आरोपित
गोपालगंज थाना क्षेत्र के बरगछिया गांव निवासी अधिवक्ता टुनटुन राम अकेला को गोली मारकर गंभीर रूप से घायल किए जाने के मामले में गिरफ्तार किए गए दो आरोपित को पुलिस ने शनिवार को जेल भेज दिया।
गोपालगंज : थाना क्षेत्र के बरगछिया गांव निवासी अधिवक्ता टुनटुन राम अकेला को गोली मारकर गंभीर रूप से घायल किए जाने के मामले में गिरफ्तार किए गए दो आरोपित को पुलिस ने शनिवार को जेल भेज दिया। उधर इस घटना को लेकर अधिवक्ता के बयान पर थाने में प्राथमिकी दर्ज की गई है। जिसमें आठ लोगों को नामजद आरोपित बनाया गया है। पुलिस घटना में नामजद अन्य आरोपित की धर पकड़ के लिए छापेमारी कर रही है।
दर्ज प्राथमिकी में अधिवक्ता टुनटुन राम अकेला ने आरोप लगाया है कि शुक्रवार की सुबह वे अपने मुंशी रजनीकांत राम एक बाइक से कोर्ट जा रहे थे। उनके पीछे उनका छोटा भाई भी दूसरी बाइक से आ रहा था। इसी बीच रास्ते में दहीभाता छोटी नहर पुल के पास पहले से घात लगाए गांव के दो युवकों द्वारा उन्हें हाथ देकर रुकने का इशारा किया गया। बाइक रुकते ही नजदीक से उन्हें गोली मार कर घायज कर दिया गया। इस घटना के बाद उनपर फायरिग करने वाले युवक बाइक पर सवार होकर फरार हो गए। दर्ज प्राथमिकी में अधिवक्ता ने बरगछिया गांव निवासी सेवानिवृत्त शिक्षक सुभाष चंद्र चौधरी, उनके भाई माया छोटा हाई स्कूल के क्लर्क सत्यदेव यादव, सत्यदेव यादव के बेटे पवन यादव उर्फ राजा यादव, कृष्णा प्रसाद यादव, कृष्णा प्रसाद यादव के पिता श्रवण चौधरी, विनोद यादव और विनोद यादव के पिता शंभू चौधरी सहित आठ लोगों को नामजद आरोपित बनाया है। उधर पुलिस ने प्राथमिकी दर्ज करने के बाद इस घटना में गिरफ्तार किए गए बरगछिया गांव निवासी माया छोटा हाई स्कूल के क्लर्क सत्यदेव यादव तथा इसी गांव के विनोद यादव शनिवार की शाम जेल भेज दिया। पुलिस अन्य आरोपित की धर पकड़ के लिए छापेमारी कर रही है।
इनसेट
ऑपरेशन के बाद अधिवक्ता के शरीर से निकाली गई गोली
उचकागांव (गोपालगंज) : थाना क्षेत्र के बरगछिया गांव निवासी अधिवक्ता टुनटुन राम अकेला को गोली लगने के बाद गोरखपुर सिटी अस्पताल में भर्ती कराया गया। जहां शुक्रवार की रात अधिवक्ता का डॉक्टरों ने सफल ऑपरेशन किया। इस दौरान उनके शरीर से डॉक्टरों द्वारा पिस्टल की एक गोली बरामद किया गया है। जिसे अस्पताल प्रबंधन ने जप्त कर लिया गया है। ऑपरेशन के बाद चिकित्सकों द्वारा उन्हें 72 घंटे की निगरानी में रखा गया है।