परिमल के शायराना अंदाज पर श्रोताओं ने जमकर लगाए ठहाके, अंडा-पराठा से थाना-पुलिस तक बजीं तालियां
गोपालगंज में आज ठहाकों का दौर चला। साहित्यकार हरेन्द्र सिंह उर्फ ढनमून बाबू की पावन स्मृति में आयोजित कवि सम्मेलन में कवियों ने श्रोताओं को जमकर गुदगुदाया।
गोपालगंज [जेएनएन]। गोपालगंज में बुधवार को ठहाकों का दौर चला। साहित्यकार हरेन्द्र सिंह उर्फ ढुनमून बाबू की पावन स्मृति में आयोजित कवि सम्मेलन में कवियों ने श्रोताओं को जमकर गुदगुदाया। कवि गोष्ठी में थाना-पुलिस से लेकर अंडा-पराठा तक छाए रहे। देर तक तालियों बजती रहीं। कवियों के अंदाज को भी लोगों ने मुक्त कंठों से सराहा।
कवि सम्मेलन में सिवान से आए सुनील कुमार तंग ने ''तेरी आने जाने की हद हो गई, तलक निभाने की हद हो गई, ये अंडा पराठा और शामी कबाब, नये समधियाने की हद हो गई...'', सुनाकर लोगों को खूब गुदगुदाया। वहीं, उत्तर प्रदेश के लखनऊ से आईं कवियत्री शिवा त्रिपाठी ने ''झम-झम झूम नाच सब संग-संग मन वाटिका नव स्वप्न पडऩे लगे, पुलक-पुलक प्रिय देख देख ये उमंग प्रेम का प्रसून खिलने लगे...'' प्रस्तुत किया।
कवि शिवम सिंह ने कहा कि ''पारस तो पारस होता है, पुरुषार्थ भला क्या होता है, दीपक चाहे कितना भी छोटा होता है, तो सूरज का वंशज होता है।'' पटना से पहुंचे सेल्स टैक्स सहायक कमिशनर समीर परिमल ने ''मैं दूर आंखों से भर गए वालिद कौन कहता है कि मर गए, मेरे ख्यालो के भी पांव जलने लगे, बनकर दरिया नजर में उतर जिन्दगी...'' सुनाकर श्राेताओं को भाव विभोर कर दिया।मंच पर आसीन कवि मनीष मिश्रा, संजय मिश्र संजय, डॉ. मिथिलेश गौतम, सिवान से आए परवेज असरफ तथा परवाना भिवानी के काव्य पाठ को भी लोगों ने तालियों से नवाजा।
कार्यक्रम का उद्घाटन गोलागजं के डीएम अरशद अजीज, एसपी मनोज कुमार तिवारी, एडीएम कुमार अनिल सिन्हा, भू-अर्जन पदाधिकारी शम्श जावेद, हथुआ एसडीओ अनिल कुमार रमन तथा एसडीपीओ नरेश पासवान ने दीप प्रज्वलित कर किया। उद्घोषणा मनीष मिश्र ने की। कार्यक्रम में डॉ. शंभुनाथ सिंह, डॉ. बैधनाथ सिंह, डॉ. जस्मुद्दीन, डॉ. राम एकबाल ठाकुर, डॉ. सुनील कुमार, डॉ. डीडी माली, डॉ. कौशल्या सिन्हा, डॉ. रजनी कुमारी, डॉ. संदीप कुमार, रीना कुमारी, जय वंश गिरी, कृष्ण कुमार गुप्ता, राजीव रंजन, परवेज हसन सहित शहर के अनेक गणमान्य लोग मौजूद रहे।