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गोपलगंज में वाहन चोरों का आतंक, हर दिन बाइक उड़ा रहे चोर- 45 दिन में 52 वाहन गायब

गोपालंगज में चोरों की सक्रियता के आगे नगर थाने की पुलिस लाचार सी बन गई है। वाहन चोरों का पता नहीं लगा पाने से अब पुलिस की कार्यप्रणाली पर लोग उंगली उठाने लगे हैं।

By Akshay PandeyEdited By: Published: Tue, 18 Feb 2020 12:59 PM (IST)Updated: Tue, 18 Feb 2020 12:59 PM (IST)
गोपलगंज में वाहन चोरों का आतंक, हर दिन बाइक उड़ा रहे चोर- 45 दिन में 52 वाहन गायब
गोपलगंज में वाहन चोरों का आतंक, हर दिन बाइक उड़ा रहे चोर- 45 दिन में 52 वाहन गायब

गोपालगंज, जेएनएन। जिले के शहरी व ग्रामीण इलाकों से वाहन चोरी का सिलसिला रुकने का नाम नहीं ले रहा है। चोरों की सक्रियता के आगे नगर थाने की पुलिस लाचार सी बन गई है। वाहन चोरों का पता नहीं लगा पाने से अब पुलिस की कार्यप्रणाली पर लोग उंगली उठाने लगे हैं। चोर किसी न किसी इलाके में हर दिन में वाहन उड़ा ले जा रहे हैं। सरकारी कर्मियों तक वाहन चोरों के निशाने पर हैं।

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45 दिन में 52 बाइक चोरी

इस साल जनवरी माह से लेकर 15 फरवरी तक 45 दिन की अवधि में चोरों ने जिले के विभिन्न इलाकों से 52 बाइक चोरी की घटनाओं को अंजाम दिया। अलावा इसके आधा दर्जन चारपहिया वाहन भी इस अवधि में चोरी की घटनाएं हुई। इसके बावजूद पुलिस वाहन चोरी के बढ़ते मामले पर लगाम लगाने की कारगर व्यवस्था नहीं कर सकी है।

जिला मुख्यालय के बाहर से चोरी हो जा रही गाड़ी

शहरी क्षेत्र से लेकर ग्रामीण इलाकों में वाहन चोरों की सक्रियता काफी बढ़ गई है। वाहन चोर गिरोह के सदस्य की सक्रियता का आलम यह है कि जिला मुख्यालय में कलेक्ट्रेट परिसर में खड़ी किए गए वाहन सुरक्षित नहीं है। कलेक्ट्रेट परिसर से लेकर अस्पताल चौक, पोस्टऑफिस चौक, चिराई घर के आसपास इस साल अभी तक अकेले इसी क्षेत्र में एक दर्जन से अधिक वाहनों की चोरी हो चुकी है।

ग्रामीण इलाकों में बढ़ते जा रहे मामले

आंकड़े बताते हैं कि पूरे जिले में इस साल अबतक सौ से भी अधिक वाहनों को चोर उड़ा चुके हैं। दो-चार मामलों को छोड़ अधिकांश मामलों का उदभेदन कर पाने में पुलिस अबतक विफल रही है। जिला मुख्यालय के साथ ही  सुदूर ग्रामीण इलाकों में भी वाहन चोरी के मामले बढ़ते जा रहे हैं। हद तो यह कि कई वाहन चोरी के मामलों में चोरों का पता लगा पाने में विफल रहने पर पुलिस घटना को सत्य, लेकिन सूत्रहीन बताकर जांच बंद कर दे रही है। ऐसे में कई चोरी के मामले पुलिस की फाइलों में ही दफन होकर रह जाते हैं।


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