उदासीन हुआ विभाग, बढ़ता जा रहा मच्छरों का प्रकोप
रात तो रात अब तो दिन में भी परेशान कर रहे मच्छरों से निजात पाना मुश्किल हो गया है।
जागरण संवाददाता, गोपालगंज : रात तो रात अब तो दिन में भी परेशान कर रहे मच्छरों से निजात पाने के लिए अगर आप विभागीय पहल की उम्मीद पाले हों तो उसे अब भूल जाइए। मलेरिया, कालाजार और डेंगू जैसी बीमारियों पर नियंत्रण के नाम पर ही सही, मच्छर मारने का विभागीय प्रयास छिड़काव कर्मियों के प्रशिक्षण तक ही सिमट कर रह गया। ऐसे में मच्छर से इस बार जंग लोगों को खुद अपने दम पर ही लड़ना होगा।
जिले में मलेरिया, कालाजार व डेंगू से रोकथाम के लिए विभागीय स्तर पर प्रत्येक साल फरवरी और मार्च एवं मई व जून माह में डीडीटी का छिड़काव कराया जाता था। लेकिन इस साल डीडीटी का छिड़काव कई इलाकों में हुआ ही नहीं। ऐसा तब है जबकि जिला स्वास्थ विभाग सभी प्रखंडों के छिड़काव कर्मियों को डीडीटी छिड़काव के लिए प्रशिक्षित करने का अभियान चला चुका है। स्वास्थ्य विभाग की मानें तो इस बार डीडीटी का छिड़काव कई इलाकों में किया गया है।
पांच सौ से अधिक मलेरिया रोगियों की संख्या
वर्तमान में मच्छरों के आतंक के कारण मलेरिया मरीजों की संख्या बढ़ गई है। सरकारी अस्पताल से लेकर जिला मुख्यालय स्थित कई निजी क्लिनिक में पांच सौ से अधिक मलेरिया मरीजों का इलाज चल रहा है।
अभी भी हैं कालाजार के मरीज
गोपालगंज : जिले में कालाजार के रोगियों की संख्या में कमी नहीं है।बावजूद इसके विभागीय स्तर पर कालाजार के रोकथाम के दिशा में समुचित प्रयास नहीं किया गया। अक्टूबर तक रहता है डेंगू का खतरा
चिकित्सकों की मानें तो अक्टूबर माह तक कलाजार व मलेरिया के साथ ही डेंगू का खतरा बना रहता है। चिकित्सक इस बात को स्वीकार करते हैं कि डेंगू की बीमारी संक्रमित मादा एडिज मच्छर के काटने से फैलती है। डॉक्टर बताते हैं कि ये मच्छर दिन में काटती है तथा साफ पानी में पनपती है।
छिड़काव नहीं प्रचार प्रसार में लगा विभाग
मच्छर जनित बीमारियों के फैलने की आशंका को देखते हुए जिला मलेरिया विभाग छिड़काव की व्यवस्था करने के बजाय प्रचार प्रसार कर मच्छरों से बचाव के उपाय करने पर बल दे रहा है। विभाग की मानें तो मच्छरों से बचाव ही इसका सर्वोत्तम उपाय है। चिकित्सक इस बीमारी से बचाव के लिए घर के आसपास के इलाकों में जल जमाव वाले क्षेत्र में जमे पानी में मिट्टी का तेल डालने के साथ ही सोते समय मच्छरदानी जरूर लगाने की सलाह देते हैं। चिकित्सक बताते हैं कि मलेरिया, डेंगू व कालाजार मच्छरों के काटने से ही बढ़ता है।