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स्थिति में सुधार, बिजली आपूर्ति की अवधि बढ़ी

वर्ष 2018 के दौरान बिजली की व्यवस्था में अपेक्षित सुधार हुआ।

By JagranEdited By: Published: Mon, 17 Dec 2018 07:08 PM (IST)Updated: Mon, 17 Dec 2018 07:08 PM (IST)
स्थिति में सुधार, बिजली आपूर्ति की अवधि बढ़ी
स्थिति में सुधार, बिजली आपूर्ति की अवधि बढ़ी

गोपालगंज। वर्ष 2018 के दौरान बिजली की व्यवस्था में अपेक्षित सुधार हुआ। विभाग को नए संसाधन उपलब्ध हुए। साथ ही पुराने उपकरणों की क्षमता में वृद्धि हुई। इससे न केवल शहरी क्षेत्र में बिजली आपूर्ति के घंटे में सुधार हुआ, बल्कि गांवों में भी बिजली आपूर्ति की अवधि बढ़ी। राजस्व प्राप्ति के आंकड़ों में भी इजाफा हुआ। विभाग को बीते वर्ष की तुलना में आठ फीसद अधिक राजस्व प्राप्त किया। यह बात अलग रही कि पिछले वर्ष पूर्व की तुलना में बिजली की खपत भी कुछ बढ़ गई। बावजूद इसके अघोषित विद्युत कटौती की समस्या इस साल भी बनी रही। बिजली विभाग ने वर्ष 2018 के दौरान कई नए कार्य किए। लगातार प्रयास का नतीजा यह हुआ कि बिजली की आपूर्ति बढ़ती गई। पूरे वर्ष के दौरान कुछ दिन इसके अपवाद रहे। पूरे वर्ष कई दिन ऐसा भी हुआ कि गांव तो दूर शहरी इलाके के लोग भी अघोषित बिजली कटौती के शिकार हुए। ऐसे में आम लोगों को घरों के मोटर को चलाने के लिए भी तरसना पड़ा। हालांकि बिजली विभाग ने खराब स्थिति को दो-चार दिन में ही संभाल भी लिया। बावजूद इसके बिजली विभाग की कार्यप्रणाली पर कई बार उंगलियां भी उठी।

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इनसेट

बने नए पावर सबस्टेशन, पुराने की बढ़ी क्षमता

गोपालगंज : जिले में विद्युत आपूर्ति व्यवस्था में सुधार के लिए वर्ष 201व के दौरान कई नए पावर सब स्टेशन स्थापित हुए। इनमें एक-दो सब स्टेशनों से बिजली आपूर्ति शुरू कर दी गई है। कुछ केंद्रों को तेजी से बनाने का कार्य जारी है। वर्ष के दौरान कई पुराने पावर सबस्टेशनों की क्षमता में भी बढ़ोत्तरी की गई। इन योजनाओं पर करोड़ों रुपये खर्च हुए। विभाग के इस प्रयास के कारण कई इलाकों में ओवर लो¨डग व लो-वोल्टेज की समस्या से लोगों को मुक्ति मिली। कई इलाकों से हटाए गए बांस-बल्ले

गोपालगंज : जिले के अधिकांश इलाकों में बिजली की आपूर्ति बांस व बल्ले के सहारे ही होती थी। गत वर्ष शहरी इलाकों से लेकर ग्रामीण क्षेत्र के कई इलाकों में वर्षो से बांस-बल्ले पर टिकी विद्युत आपूर्ति की व्यवस्था से उपभोक्ताओं को मुक्ति मिली। बावजूद इसके कई इलाकों में अब भी यह व्यवस्था कायम है। जिन इलाकों से बांस व बल्ले को हटाया गया वहां नई व्यवस्था के तहत पोल व तार लगा दिए गए। शहरी इलाके के कई मोहल्लों के अलावा मुख्य पथों पर जर्जर पोल व तार के अलावा ब्रेकर आदि बदले गए। अब भी नहीं मिली शहर को 24 घंटे बिजली

गोपालगंज : सरकार ने वर्ष 2015 में ही शहरी इलाकों को 24 घंटे बिजली आपूर्ति उपलब्ध कराने का दावा किया था। लेकिन वर्ष 2015 तो दूर 2018 में भी लोगों को 24 घंटे बिजली की उपलब्धता सुनिश्चित नहीं हो सकी। हां, इस अवधि में बिजली आपूर्ति के घंटों में जरूर सुधार हुआ। शहर को औसतन 19 से 20 घंटे बिजली मिलने लगी। पूरे वर्ष के दौरान कुछ दिन अपवाद भी रहे। इन दिनों बिजली आपूर्ति की दशा काफी लचर होने के कारण लोगों की परेशानी बढ़ गई। गांवों में भी बिजली आपूर्ति के घंटे में कुछ सुधार हुआ और यह 14 से 15 घंटे तक पहुंच गई। नहीं सुधरी बि¨लग व्यवस्था

गोपालगंज : बिजली विभाग में वर्षो से चली आ रही बदहाल बि¨लग की व्यवस्था इस वर्ष भी नही सुधरी। उपभोक्ताओं को ढंग से आनलाइन बिल नहीं मिले। उन्हें बिल लेने के लिए खुद मीटर की री¨डग लेकर काउंटरों पर जाना पड़ा। मीटर री¨डग की भी व्यवस्था तमाम प्रयासों के बाद भी गति नहीं पकड़ सकी। अधिकारियों के प्रयास के बाद भी आनलाइन बि¨लग की व्यवस्था में सुधार नहीं हुआ। हालांकि विभाग के अधिकारी लगातार बिजली बिल की व्यवस्था को सुधारे जाने का दावा करते रहे। बावजूद बिजली विभाग के कार्यालयों में उमड़ने वाली लोगों की भीड़ विभाग की बदहाल व्यवस्था की कहानी कहती नजर आई। नहीं तय हुई बिजली कटौती की अवधि

गोपालगंज : नियमों की मानें तो शहरी इलाके में बिजली की कटौती के लिए बकायदा समय सीमा तय होती है। यहां भी शहरी इलाकों में यह व्यवस्था लागू है। बावजूद इसके यहां अघोषित बिजली कटौती एक बड़ी समस्या है। विद्युत तारों की मरम्मत के नाम पर लगातार 10-10 घंटे की बिजली कटौती लोगों पर भारी पड़ती नजर आयी। लोग अघोषित कटौती से एक-एक सप्ताह तक परेशान रहे।


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