ब्रह्म ज्ञान से नष्ट हो जाते सभी पाप : पद्महस्ता भारती
ब्रह्म ज्ञान की अग्नि इतनी तीव्र होती है कि वह मानव जीवन के सभी पापों को जलाकर राख कर देती।
गोपालगंज। ब्रह्म ज्ञान की अग्नि इतनी तीव्र होती है कि वह मानव जीवन के सभी पापों को जलाकर राख कर देती। भगवान की भक्ति प्रदर्शन का नहीं दर्शन का विषय है। इस ब्रह्म ज्ञान को सद्गुरु की कृपा से ही प्राप्त किया जा सकता है। प्रखंड के हाई स्कूल खेल मैदान में चल रहे श्रीमद् भागवत कथा ज्ञान यज्ञ के अंतिम दिन आशुतोष महाराज शिष्या भागवताचार्या साध्वी पद्महस्ता भारती ने प्रवचन देते हुए ये बातें कहीं। उन्होंने रुक्मिणी विवाह के प्रसंग का उल्लेख करते हुए कहा कि रुक्मिणी रूपी जीवात्मा का अपने प्रभु प्रियतम के प्रति विरह दर्शाया गया है। यह भी प्रकट किया गया कि कैसे इस आत्मा की पुकार पर वह परम आत्मा प्रभु उसे समस्त बंधनों से स्वतंत्र कर अपने कभी न टूटने वाले प्रणय सूत्रों में बांध लेते हैं। कथा का समापन करते हुए उन्होंने कहा कि राजा परीक्षित भय व असुरक्षा से ग्रस्त हैं। जिनके समक्ष हर क्षण मौत मुंह बाए खड़ी थी। उस समय परीक्षित की मुक्ति
केवल हरि चर्चा या कृष्ण लीलाओं के श्रवण करने मात्र से नहीं हुई थी। बल्कि पूर्ण गुरु श्रीसुकदेवजी के द्वारा प्रभु के तत्व रूप को अपने अंदर जान लेने पर ही हुई थी। उन्होंने कहा कि हृदय की ग्रंथि अर्थात अज्ञानता व सभी संशयों का नाश गुरु द्वारा दिव्य नेत्र प्राप्त होने पर ही होता है। भगवान श्री कृष्ण ने अर्जुन का मोह व मोहजनित संशय नष्ट करने के लिए भी उससे यही कहा था। यज्ञ में स्वामी यादवेंद्रानंद ,तरुण कुमार , जदयू जिलाध्यक्ष प्रमोद पटेल, भाजपा मंडल अध्यक्ष उपेंद्र मिश्र, परशुराम जायसवाल, जगन्नाथ बैठा, मैनेजर साह , बालेश्वर शर्मा, जनार्दन ओझा निराला, सुशील श्रीवास्तव, अर¨वद दुबे ,संतोष प्रसाद, मुन्ना मिश्र, विजय शुक्ल, अंकित तिवारी, बृजकिशोर गुप्ता सहित काफी संख्या श्रद्धालु मौजूद रहे।