पानी से घिरे बाढ़ग्रस्त इलाके के मतदान केंद्र, व्यवस्था पर सवाल
बाढ़ की तबाही के बीच हो रहे विधानसभा चुनाव के दौरान जिले के 105 मतदान केंद्रों पर संसाधन उपलब्ध कराना चुनौती से कम नहीं है। यह स्थिति तब है जबकि जिले के छह विधानसभा सीटों के लिए नामांकन दाखिल करने की प्रक्रिया अंतिम दौर में पहुंच चुकी है।
गोपालगंज : बाढ़ की तबाही के बीच हो रहे विधानसभा चुनाव के दौरान जिले के 105 मतदान केंद्रों पर संसाधन उपलब्ध कराना चुनौती से कम नहीं है। यह स्थिति तब है, जबकि जिले के छह विधानसभा सीटों के लिए नामांकन दाखिल करने की प्रक्रिया अंतिम दौर में पहुंच चुकी है। इनमें से कई मतदान केंद्र ऐसे हैं, जहां मतदान केंद्र के चारों ओर बाढ़ का पानी जमा है। ऐसे में यहां संसाधन की उपलब्धता अब भी चुनौती से कम नहीं है।
अगस्त माह में आयी भीषण बाढ़ ने सबसे अधिक बैकुंठपुर प्रखंड को प्रभावित किया। इस प्रखंड में आज भी बाढ़ का पानी कई इलाकों में भरा हुआ है। इससे सरकारी विद्यालय भी अछूते नहीं है। सरकारी विद्यालयों में बनाए गए कई मतदान केंद्रों की दशा लोगों के घरों से अलग नहीं है। विद्यालय प्रांगण में पानी अब भी भरे होने के कारण यहां मतदान कराना संभव नहीं दिख रहा है। बावजूद इसके प्रशासनिक स्तर पर मतदान केंद्र पर जमा पानी को निकालने की दिशा में अबतक कोई भी कार्रवाई नहीं की गई है। ऐसे में इन बूथों पर सफाई से लेकर रैम्प, शौचालय, पेयजल तथा बिजली जैसी बुनियादी सुविधाओं को उपलब्ध कराना बड़ी चुनौती है। सिधवलिया प्रखंड के राजकीय प्राथमिक कन्या विद्यालय शेर में दो मतदान केंद्र स्थित हैं। लेकिन इस विद्यालय में जमा बाढ़ के पानी से विद्यालय के शिक्षक बूरी तरह से परेशान हैं। विद्यालय के प्रधानाध्यापक से लेकर तमाम शिक्षक घुटने भर पानी से होकर विद्यालय पहुंचते हैं। ऐसे में यहां तैनात शिक्षक इस बात को लेकर परेशान हैं कि यहां मतदान कैसे होगा। प्रधानाध्यापक उमेश कुमार और शिक्षिका अर्चना कुमारी ने बताया कि यहां मतदान केंद्र तो बना दिया गया है, लेकिन बाढ़ के पानी से तालाब बने इस स्कूल में मतदान कराना संभव नहीं है।