चीनी मिल कामगारों का पांच करोड़ रुपये का बकाया वेतन भुगतान फंसा
22 साल इंतजार के बाद सरकार ने आखिरकार पहल की। मीरगंज नगर में स्थित बंद पड़े श्रीकृष्णा शुगर मिल हथुआ में कामगारों के बकाये वेतन के भुगतान के लिए सरकार ने जिला प्रशासन को 25 करोड़ रुपये आवंटित किया।
संवाद सूत्र,मीरगंज : 22 साल इंतजार के बाद सरकार ने आखिरकार पहल की। मीरगंज नगर में स्थित बंद पड़े श्रीकृष्णा शुगर मिल हथुआ में कामगारों के बकाये वेतन के भुगतान के लिए सरकार ने जिला प्रशासन को 25 करोड़ रुपये आवंटित किया। राशि आवंटित होने के बाद जिला प्रशासन ने कामगारों के बीच तीन किस्त में 20 करोड़ रुपये का भुगतान कर दिया। लेकिन इसके बाद भुगतान की प्रक्रिया ठप हो गई है। जिसे मिल के कामगारों का पांच करोड़ फंस गया है।
मीरगंज नगर के स्टेशन के समीप स्थित श्रीकृष्णा शुगर मिल हथुआ साल 1998 में बंद हो गया। तब से यह मिल बंद पड़ा हुआ है। मिल अचानक बंद हो जाने से मिल में काम करने वाले कर्मियों और कामगारों को वेतन फंस गया। इसी बीच मिल कर्मी तथा कामगार मिल को चालू कराने तथा बकाया वेतन भुगतान के लिए कई बार आंदोलन किया। इस बीच हुए सभी चुनावों में बंद पड़े इस मिल को चालू करना चुनाव मुद्दा बनता रहा। चुनाव के दौरान इस मिल को चालू करने का बार-बार आश्वासन दिया गया। लेकिन न तो मिल चालू हो सका और ना ही कामगारों को बकाया वेतन का भुगतान ही मिल सका। हालांकि इसी बीच सरकार ने फरवरी माह में हथुआ चीनी मिल के कामगारों का लंबित वेतन के भुगतान के लिए 25 करोड़ रुपये आवंटित किया। रुपये आवंटित होने के बाद कामगारों की बेहद खराब आर्थिक स्थिति को देखते हुए समाज कल्याण मंत्री रामसेवक सिंह ने जिला प्रशासन को कामगारों के बीच बकाया वेतन का तत्काल भुगतान करने को कहा। मंत्री के निर्देश पर जिला प्रशासन ने पहली किस्त में 16.50 करोड़ रुपये का भुगतान किया। इसके बाद दूसरी व तीसरे किस्त के रूप में 3.50 करोड़ रपये का भुगतान किया गया। लेकिन इसके बाद कामागरों के बकाया वेतन का भुगतान फंस गया। जिससे अब भी इस मिल के कामगारों का पांच करोड़ रुपये का भुगतान नहीं हो सका है। जिसे देखते हुए हथुआ चीनी मिल मजदूर संघ के महासचिव बलराम सिंह ने जिलाधिकारी अरशद अजीज को ज्ञापन भेज कर कामगारों के बकाया शेष राशि का भुगतान करने की मांग किया है।