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निर्देश बेअसर, पंचायतों में प्रभार के नाम पर मौज का खेल

प्रशासनिक पर लगाम लगाने के निर्देश के बावजूद पूरे जिले में दो या तीन पंचायतों का प्रभार संभालने वालों की मनमानी व मौज का खेल जारी है।

By JagranEdited By: Published: Sat, 17 Nov 2018 05:44 PM (IST)Updated: Sat, 17 Nov 2018 05:44 PM (IST)
निर्देश बेअसर, पंचायतों में प्रभार के नाम पर मौज का खेल
निर्देश बेअसर, पंचायतों में प्रभार के नाम पर मौज का खेल

गोपालगंज। प्रशासनिक पर लगाम लगाने के निर्देश के बावजूद पूरे जिले में दो या तीन पंचायतों का प्रभार संभालने वालों की मनमानी व मौज का खेल जारी है। मनमानी के इस खेल में विकास कार्य सीधे तौर पर प्रभावित हो रहा है। बावजूद इसके इस व्यवस्था में कोई भी परिवर्तन नहीं आ सका है। आलम यह है कि एक पंचायत सचिव तीन-तीन पंचायतों का कार्य देख रहे हैं। ऐसे में जब भी कोई आला अधिकारी पंचायतों का दौरा करने पहुंचता है तो पंचायत सचिव निर्धारित पंचायत से गायब ही मिलते हैं।

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जिला पंचायत कार्यालय के सूत्रों ने बताया कि विभाग ने वर्ष 2013 में पंचायत सचिवों की कमी को देखते हुए एक पंचायत सचिव को दो-दो पंचायत का कार्यभार सौंपने का निर्देश जारी किया था। साथ ही विभाग ने दो पंचायतों का कार्यभार देने के समय इस शर्त का अनुपालन करने का निर्देश दिया था कि आवंटित पंचायतें अगल-बगल की हों। तब विभाग के निर्देशों के आलोक में एक पंचायत सचिव को दो-दो पंचायतों का कार्य सौंप दिया गया। समय के साथ कुछ पंचायत सचिवों को तीन-तीन पंचायतों का कार्य भी दे दिया गया। संबंधित प्रखंड के बीडीओ द्वारा दो-दो पंचायतों का प्रभार सौंपे जाने के कार्य में एकरूपता नहीं बरती गई। हद तो तब हो गई कि एक पंचायत सचिव को दो पंचायतों का प्रभार सौंपे जाने के समय दोनों पंचायतों के बीच की दूरी का ख्याल नहीं रखा गया। ऐसे में जब भी पंचायत सचिवों की खोज खबर ली गई वे दूसरे पंचायत में मौजूद होने का बहाना बनाकर बच निकलने में सफल हो गए। जब यह मामला पंचायती राज विभाग के सामने आया तो संबंधित बीडीओ को इस संबंध में निर्देश जारी किया। लेकिन एक साल की लंबी अवधि बीतने के बाद भी आदेश का शत प्रतिशत अनुपालन किसी भी प्रखंड में नहीं हो सका है। पंचायतों की दूरी का फायदा उठाते हैं पंचायत सचिव

गोपालगंज : जिला पंचायती राज कार्यालय के सूत्रों ने बताया कि पंचायतों के आवंटन के दौरान एक पंचायत सचिव को अलग-बगल के पंचायतों की जिम्मेदारी की बात का ख्याल नहीं रखने के कारण पंचायत सचिव दो पंचायतों के बीच की दूरी अधिक होने का फायदा उठाते हैं। अगर कोई जांच पदाधिकारी एक पंचायत में पहुंचता है तो पंचायत सचिव खुद को दूसरे पंचायत में होने की बात कहकर पल्ला झाड़ लेते हैं। जिसे देखते हुए नई व्यवस्था को लागू किया गया है। निर्धारित की जानी थी पंचायतों में मौजूदगी की तिथि

गोपालगंज : गत वर्ष जारी किए गए निर्देश के आलोक में दो पंचायतों की जिम्मेदारी उठाने वाले पंचायत सचिवों के पंचायतों में मौजूदगी के लिए तिथि निर्धारित करने को कहा गया था। इस संबंध में पंचायती राज विभाग ने पत्र जारी कर पंचायत सचिवों की मौजूदगी की यह तिथि बीडीओ स्तर पर निर्धारित किए जाने को कहा गया था। ताकि अगर जांच के समय कोई पंचायत सचिव निर्धारित पंचायत में नहीं मिलते हैं तो उनके विरुद्ध कड़ी कार्रवाई की जा सके।


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