अब शहर मे बनाया जाएगा दो इलेक्ट्रिक शवदाह गृह
गोपालगंज। अपने परिजन की मृत्यु होने पर अब शव दाह करने के लिए कचरे से भरे तालाबों या घाटों पर नहीं जाना पड़ेगा। इसके लिए अब शहर में दो इलेक्ट्रिक शवदाह गृह बनाया जाएगा। इसके साथ ही शव दाह करने के लिए एक दशक पूर्व बनाए गए मुक्तिधाम का भी कायाकल्प होगा।
गोपालगंज। अपने परिजन की मृत्यु होने पर अब शव दाह करने के लिए कचरे से भरे तालाबों या घाटों पर नहीं जाना पड़ेगा। इसके लिए अब शहर में दो इलेक्ट्रिक शवदाह गृह बनाया जाएगा। इसके साथ ही शव दाह करने के लिए एक दशक पूर्व बनाए गए मुक्तिधाम का भी कायाकल्प होगा। ताकि मुक्तिधाम की दशा में सुधार हो सके। मुक्तिधाम के कायाकल्प पर भी लाखों रुपये की राशि खर्च किए जाने की योजना है।
जिला मुख्यालय में वर्तमान समय में अरार पथ में मुक्तिधाम का निर्माण करीब एक दशक पूर्व कराया गया था। लेकिन पर्याप्त देखरेख के अभाव में इस मुक्तिधाम की दशा खराब होती गई। आज इस मुक्तिधाम की हालत खराब हो गई है। ऐसे में नगर परिषद ने शवों के दाह संस्कार के लिए जिले में दो स्थानों पर इलेक्ट्रिक शवदाह गृह बनाने की पहल की है। ताकि शहरी इलाके व आसपास के लोगों को शवों के दाह-संस्कार के लिए नदी किनारे जाने और जगह तलाशने की जरूरत नहीं पड़े। सूत्रों की मानें तो नगर विकास विभाग ने भी जिले में दो स्थानों पर शव दाहगृह बनाने को मंजूरी दे दिया है। इसके तहत निर्मित होने वाले शव दाह गृह में आधुनिक व्यवस्था उपलब्ध होगी। जिले में जिन स्थानों पर शव दाह गृह बनाने की योजना तैयार की गई है, उनमें अरार पथ स्थिति मुक्तिधाम परिसर के अलावा जंगलिया स्थित श्मसान घाट शामिल है। दोनों शवदाह गृह बनाने पर करीब ढ़ाई करोड़ की राशि खर्च आने की संभावना है।
इनसेट
परंपरागत शवदाह की भी होगी व्यवस्था
गोपालगंज : जिले में बनाने वाले दो इलेक्ट्रिक शवदाह गृह के साथ परंपरागत तरीके से शवों के दाह संस्कार की भी व्यवस्था होगी। ताकि अगर कोई व्यक्ति परंपरागत तरीके से शव का दाह संस्कार करना चाहे तो उसको किसी भी तरह की परेशानी नहीं हो। नगर परिषद जल्द ही दोनों स्थानों पर शवदाह गृह बनाने की योजना पर कार्य प्रारंभ करने की तैयारी में है।
इनसेट
कहते हैं मुख्य पार्षद
शहर में दो जगहों पर शवदाह गृह का निर्माण होना है। इस बार का शवदाह गृह का निर्माण कार्य विभाग के दिशानिर्देश के अनुरूप कराया जाएगा। इसके लिए पूर्व से ही दो स्थानों का चयन कर लिया गया है। मॉडल प्रारूप आते ही डीपीआर का कार्य प्रारंभ किया जाएगा।
हरेंद्र कुमार चौधरी, मुख्य पार्षद, नगर परिषद